तेहरान : अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के बाद ईरानी संसद ने कड़ा कदम उठाते हुए होरमुज जलडमरूमध्य को बंद करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला फिलहाल प्रारंभिक स्तर पर है और इसे लागू करने का अंतिम निर्णय ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल लेगी।
ईरानी सांसद और संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा व विदेश मामलों की समिति के सदस्य इस्माईल कोसारी ने सरकारी चैनल प्रेस टीवी को बताया कि, “संसद ने अमेरिका की आक्रामकता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी के विरोध में होरमुज जलडमरूमध्य बंद करने पर सहमति जताई है।”
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय देश की शीर्ष सुरक्षा संस्था को लेना है।
Iran’s parliament has approved a measure to close the strategically vital Strait of Hormuz, a key global oil shipping route, following US strikes on Iran’s nuclear sites, state-run Press TV reported on Sunday.
Major General Kowsari, a member of the parliament’s National Security… pic.twitter.com/tXUI8MJUWi
— Iran International English (@IranIntl_En) June 22, 2025
होरमुज जलडमरूमध्य क्यों है अहम?
होरमुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल परिवहन मार्गों में से एक है।
स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, दुनिया के 20% से अधिक तेल का व्यापार इसी रास्ते से होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह मार्ग बंद होता है, तो वैश्विक तेल कीमतों में भारी उछाल आ सकता है और ऊर्जा सुरक्षा पर संकट खड़ा हो सकता है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले – ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद कर दिया
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा है कि ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान में मौजूद तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हमलों ने “ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से तबाह कर दिया है।”
उन्होंने CNN को बताया कि, “हमारा मिशन स्पष्ट था और हमने इसे पूरी ताकत से अंजाम दिया। हमले ईरानी सैनिकों या आम जनता को नहीं, केवल परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाकर किए गए।”
ट्रंप बोले – या तो शांति, या और तबाही
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों के बाद कहा कि ईरान अब या तो शांति का रास्ता चुने या और बड़े हमलों के लिए तैयार रहे।
उन्होंने कहा, “ईरान, जो वर्षों से मध्य पूर्व में डर का माहौल बना रहा था, अब या तो शांति बनाए या भारी कीमत चुकाए।”
ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि यह एक संयुक्त अभियान था।
ईरान-इजराइल संघर्ष की पृष्ठभूमि
यह तनाव तब शुरू हुआ जब इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। इसके बाद अमेरिका ने तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी कर दी। अब ईरान द्वारा होरमुज जलडमरूमध्य को बंद करने का कदम वैश्विक स्तर पर तेल संकट और सुरक्षा चुनौती खड़ी कर सकता है।