झारखंड में माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत: अब खदानें भी बनेंगी सैर की जगह!

रांची : झारखंड में पर्यटन को एक नया रूप देने की दिशा में एक अनोखी पहल की गई है। झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के संयुक्त प्रयास से ‘माइनिंग टूरिज्म सर्किट’ की शुरुआत की गई है। इस पहल का उद्देश्य राज्य की प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ उसके औद्योगिक रूप को भी लोगों तक पहुंचाना है।

इस खास टूर में राज्य के 15 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और 13 पत्रकारों को शामिल किया गया। सभी को एक दिन के टूर पर ले जाया गया, जिसमें उन्होंने कोयला खदानों का कामकाज और आसपास के पर्यटन स्थलों को करीब से देखा।

सुबह 9 बजे रांची के होटल बिरसा विहार से दो ट्रैवलर बसों में सभी प्रतिभागी रवाना हुए। पहला पड़ाव था हरियाली से भरपूर पतरातू घाटी, जहां सभी ने प्राकृतिक दृश्य का आनंद लिया। इसके बाद पलानी जलप्रपात की सुंदरता को निहारा गया।

दोपहर के भोजन के बाद सभी को उरीमारी कोल माइंस ले जाया गया, जहां CCL के अधिकारियों ने उन्हें खनन प्रक्रिया, मशीनों और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी। प्रतिभागियों को सेफ्टी किट दी गई और ब्लास्टिंग जैसी माइनिंग गतिविधियां दिखाई गईं। साथ ही नॉर्थ उरीमारी माइंस की टेक्निकल और आर्थिक जानकारी साझा की गई।

JTDC के निदेशक प्रेम रंजन ने कहा, “यह पहल झारखंड के पर्यटन को एक नया आयाम देगी। माइनिंग टूरिज्म से राज्य की औद्योगिक प्रगति और प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचेगी।”

CCL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह साझेदारी पर्यटन और माइनिंग सेक्टर के बीच एक सेतु का काम करेगी। हम JTDC के साथ मिलकर इसे और आगे बढ़ाएंगे।”

खनिज संपन्न राज्य झारखंड में माइनिंग टूरिज्म की यह शुरुआत पर्यटन, शिक्षा और औद्योगिक समझ को एक साथ जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। आने वाले दिनों में इसे आम पर्यटकों के लिए भी खोले जाने की योजना है।

Ashis Sinha

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