श्रीनगर/फरीदाबाद: जम्मू-कश्मीर (J&K) पुलिस ने हरियाणा (Haryana) पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर एक बड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़ा था।
इस संयुक्त अभियान में करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। पुलिस ने दो डॉक्टर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से उत्तर भारत में होने वाली एक बड़ी आतंकी साजिश नाकाम हुई है।
STORY | White collar Kashmir-Haryana-UP terror module busted, 2,900 kg of explosives seized and eight arrested
Eight people, including three doctors, were arrested, and 2,900 kg of explosives were seized with the uncovering of a “white collar” terror module involving the… pic.twitter.com/rU6l1Ht9bw
— Press Trust of India (@PTI_News) November 10, 2025
फरीदाबाद में विस्फोटक का जखीरा मिला
पूरे ऑपरेशन का खुलासा तब हुआ जब हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद के धौज गांव में किराए के मकान से 350 किलो विस्फोटक और केमिकल सामग्री बरामद की।
ये घर डॉ. मुज़म्मिल शकील का था — जो कश्मीर का रहने वाला है और फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। पुलिस ने उसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया। इसके बाद डॉ. आदिल अहमद राथर नाम के दूसरे डॉक्टर को भी हिरासत में लिया गया, जिसका संबंध इसी नेटवर्क से बताया जा रहा है।
डॉक्टरों का नेटवर्क और पाकिस्तानी कनेक्शन
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह नेटवर्क पाकिस्तान से संचालित हो रहा था। जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद के हैंडलर सीमा पार से फंडिंग और हथियारों की सप्लाई कर रहे थे।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस मॉड्यूल में पेशेवर डॉक्टर और शिक्षित लोग शामिल थे, जो आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे। पुलिस ने इसे “व्हाइट-कॉलर टेरर नेटवर्क” बताया — यानी वो आतंकी जो सूट-बूट पहनते हैं लेकिन दिमाग में बारूद रखते हैं।
हथियार और गोला-बारूद बरामद
छापों में पुलिस को AK-56 राइफल, AK क्रिंकोव, चीनी स्टार पिस्टल, बेरेटा हैंडगन और कई मैगज़ीन व जिंदा कारतूस मिले हैं।
हरियाणा रजिस्ट्रेशन (HR55 CH STE) वाली एक कार से भी हथियार मिले, जो एक महिला डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
जांच ऐसे पहुंची यहां तक
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब Srinagar के नवगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाए गए।
CCTV फुटेज में आदिल राथर नाम का शख्स पोस्टर लगाते हुए दिखा। बाद में उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। उसकी पूछताछ में फरीदाबाद और कश्मीर के कनेक्शन का खुलासा हुआ।
इसके बाद पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में छापे मारकर और गिरफ्तारियां हुईं।
तीन राज्यों में फैला नेटवर्क
J&K पुलिस का कहना है कि यह ऑपरेशन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और हरियाणा पुलिस के सहयोग से किया गया। बरामद विस्फोटक इतने थे कि उनसे कई बड़े धमाके किए जा सकते थे।
एक अधिकारी ने कहा, “यह हाल के वर्षों की सबसे बड़ी आतंकी सफलता है। हमने एक ऐसा नेटवर्क तोड़ा है जो पाकिस्तान से चलाया जा रहा था और भारत में बड़े हमलों की तैयारी कर रहा था।”
आगे क्या?
जांच एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि इस मॉड्यूल का लक्ष्य क्या था और क्या इन लोगों ने दिल्ली, पंजाब या NCR में हमले की साजिश रची थी।
फॉरेंसिक टीमें बरामद केमिकल्स की जांच कर रही हैं और साइबर यूनिट्स एन्क्रिप्टेड चैट्स और फंडिंग ट्रेल्स खंगाल रही हैं।
करीब तीन टन विस्फोटक और रैडिकलाइज्ड डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को झकझोर कर रख दिया है।
यह साफ संकेत है कि अब आतंकवाद सिर्फ घाटियों या जंगलों में नहीं, बल्कि क्लीनिक और यूनिवर्सिटियों के अंदर भी पनप रहा है।भारत की खुफिया एजेंसियों के लिए यह ऑपरेशन एक चेतावनी और बड़ी सफलता दोनों है — दिखाता है कि आतंक का चेहरा अब बदल रहा है, और इसकी जड़ें और गहरी हो चुकी हैं।

