Kaavy Goshthee: मैंने तो प्यार की दुनिया में कदम रखा है…

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– रचनात्मकता का संबंध गुणवत्ता से है न कि मात्रा से : शिव कुमार झा

अरुण पाठक

बोकारो : संस्कार साहित्य कला मंच की पहली काव्य गोष्ठी (Kaavy, Goshthee) रविवार को कवयित्री अमृता शर्मा के सेक्टर 6 स्थित आवास पर हुई। बहुत ही आत्मीयतापूर्ण माहौल में आयोजित इस काव्य गोष्ठी में कवि-कवयित्रियों ने प्रेम, मानवीय संवेदना, सामाजिकता आदि विषयों पर अपनी रचनाएं सुनाकर सभी को आनंदित किया। काव्य गोष्ठी की शुरुआत गोष्ठी के मुख्य अतिथि शिक्षाविद् जयप्रकाश पांडे ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है।

विशिष्ट अतिथि कवि शिव कुमार झा ने कहा कि रचनात्मकता का संबंध गुणवत्ता से है न कि मात्रा से। इसलिए यह जरूरी है कि हम अधिक लिखने की बजाय गुणवत्ता पूर्ण लेखन करें। उन्होंने अच्छा लिखने के लिए स्वाध्याय व मनन-चिंतन करने को अनिवार्य तत्व बताया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ कवयित्री कस्तूरी सिन्हा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। मंच के संस्थापक अंकित उपाध्याय एवं अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार राय ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि कुशलतापूर्वक संचालन नीलम झा ने किया। सभी कवि कवयित्रियों की प्रस्तुति शानदार रही। शिव कुमार झा ने धारदार मैथिली कविता सुनाकर सबकी वाहवाही ली।

कवि अरुण पाठक ने ‘हम हैं बिहारी, बिहार है गौरव हमारा.’, अंकित उपाध्याय ने ‘रंगोली शहीदों की याद में’, सोनी कुमारी ने ‘प्यार तेरा मेरा’, करुणा कलिका ने ‘मैं अध्यासी अश्कों की हूँ’, कस्तूरी सिन्हा ने ‘नैना भरे हुए आँसुओं से’, ज्योति वर्मा ने ‘तेरे ख्यालों में’, अमृता शर्मा ने ‘समाधान’, काजल भलोटिया ने ‘आसान नहीं होता’, गंगेश कुमार पाठक ने मैथिली कविता ‘मित्रक समाद’, रीना यादव ने ‘फूलों के गांव में’, रजत नाथ ने ‘तब तुम याद आती हो’, रिंकू गिरि ‘रतन’ ने ‘शिकायत’, गीता कुमारी गुस्ताख ने ‘मन की पीर ना जग जाने है’, सुप्रिया कुमारी ‘सरस’ ने ‘जुग्नू नहीं, सूर्य बनो’, डॉ आशा पुष्प ने ‘मैंने तो प्यार की दुनिया में कदम रखा है.’, क्रांति श्रीवास्तव ने ‘मैं झारखंड हूँ’, संजू कुमारी ने ‘पिता कौन और कैसे होते’, अनिल कुमार श्रीवास्तव ने ‘तपोवन–कुछ कोमल एहसास’, पद्मावती कोमल ने ‘युवा वर्ग’ व कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ नरेंद्र कुमार राय ने ‘आपस में प्रेम से रह, जनि खोद भइया खाई’ सुनाकर सबकी दाद पायी।

अंत में सभी कवि-कवयित्रियों को सम्मान-पत्र एवं भगवद गीता भेंट कर आदरपूर्वक सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन अंकित उपाध्याय ने किया।

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