कोलकाता (Kolkata) के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बनी 130 साल पुरानी बैंकड़ा मस्जिद एक बार फिर विवाद के केंद्र में है। यह मस्जिद सेकेंडरी रनवे से 300 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित है, जिसे लेकर अब उड़ान सुरक्षा से लेकर राजनीति तक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
यह मस्जिद 1890 के दशक में बनी थी, यानी एयरपोर्ट बनने से बहुत पहले। लेकिन अब इसकी लोकेशन एयरपोर्ट के संचालन और विस्तार, दोनों में बड़ी रुकावट बन गई है।
संसद में उठा मुद्दा, केंद्र ने माना—रनवे पर असर
बीजेपी सांसद समिक भट्टाचार्य ने संसद में सवाल उठाते हुए पूछा कि मस्जिद को अब तक क्यों नहीं हटाया गया, जबकि यह रनवे की सुरक्षा में बाधा डाल रही है।
सिविल एविएशन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोळ ने जवाब में साफ कहा कि मस्जिद “सेकेंडरी रनवे के अप्रोच एरिया में स्थित है,” जिसके कारण रनवे का नॉर्दर्न थ्रेशहोल्ड 88 मीटर पीछे करना पड़ा।
यह बदलाव फ्लाइट ऑपरेशन की सुरक्षा पर सीधा असर डालता है।
अधिकारियों के मुताबिक, इस बाधा के चलते सेकेंडरी रनवे पर लैंडिंग-टेकऑफ की क्षमता घटती है और खराब मौसम या इमरजेंसी में जोखिम बढ़ जाता है।
The Kolkata Airport obstruction is not an accident, it’s the direct result of Mamata Banerjee’s shameless appeasement politics.
A mosque standing inside the operational area has forced an 88-metre runway displacement, compromising national security and endangering passengers and… pic.twitter.com/gi9w8m0YZd
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) December 3, 2025
कई बार कोशिश, लेकिन मस्जिद हटाने पर सहमति नहीं
पिछली कई सरकारों और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मस्जिद को बाहर किसी नज़दीकी जगह स्थानांतरित करने के प्रस्ताव दिए, लेकिन स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने कड़ा विरोध किया।
समुदाय का कहना है कि यह मस्जिद ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
AAI ने पुराने टर्मिनल को हटाने और नई इमारत बनाने के लिए BCAS से मंज़ूरी भी मांगी है, लेकिन मस्जिद का मुद्दा अभी भी बड़े प्रोजेक्ट्स में देरी का कारण बना हुआ है।
चुनाव से पहले तेज हुई राजनीति
राज्य में चुनाव नज़दीक हैं और यह मुद्दा अब बड़ा राजनीतिक हथियार बन गया है।
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि “ममता सरकार तुष्टिकरण में व्यस्त है, यात्रियों की सुरक्षा दांव पर नहीं लगाई जा सकती।”
वहीं विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इसे “बड़ा सुरक्षा खतरा” बताते हुए कहा कि मस्जिद की वजह से एयरपोर्ट की सीमा दीवार पूरी तरह सील नहीं की जा ।
विरासत बनाम सुरक्षा—भविष्य पर बड़ा सवाल
मुख्य रनवे से उड़ानें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन सेकेंडरी रनवे की सीमित क्षमता को विशेषज्ञ गंभीर चिंता बताते हैं—खासतौर पर सर्दियों के कोहरे में, या किसी इमरजेंसी में।
कोलकाता के लोग लंबे समय से जानते हैं कि एयरपोर्ट के अंदर यह मस्जिद मौजूद है, लेकिन अब जब एयरपोर्ट का विस्तार और सुरक्षा की मांग बढ़ रही है, तो यह पुरानी संरचना आधुनिक एविएशन की ज़रूरतों से टकरा रही है।
फिलहाल, मस्जिद को लेकर बढ़ते विवाद ने सवाल खड़ा कर दिया है—क्या इसे स्थानांतरित करने पर सहमति बन पाएगी या यह मुद्दा और गहरा राजनीतिक रंग लेगा?


