क्या सोनम वांगचुक की “अरब स्प्रिंग” वाली बातें भड़का गईं भीड़?

Ladakh Statehood Demand Explodes in Violence, Four Killed in Leh Clashes
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क्या सोनम वांगचुक की "अरब स्प्रिंग" वाली बातें भड़का गईं भीड़?

लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन के बाद सन्नाटा, सरकार ने सोनम वांगचुक पर साधा निशाना

लेह, लद्दाख: शांत और खूबसूरत लद्दाख इस हफ़्ते हिंसा से दहल गया। राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर निकला आंदोलन अचानक बेकाबू हो गया। बुधवार को हुए प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज़्यादा घायल हो गए। फिलहाल लेह में कर्फ़्यू लगा है और बुधवार शाम के बाद से हालात काबू में बताए जा रहे हैं।

सरकार का आरोप – वांगचुक की भड़काऊ बातें बनी वजह

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। मंत्रालय का कहना है कि उनकी भड़काऊ बातों और अरब स्प्रिंग जैसी क्रांति का ज़िक्र करने से भीड़ भड़क गई।

अधिकारियों के मुताबिक, बुधवार को सुबह भूख हड़ताल स्थल से भीड़ निकलकर बीजेपी और सरकारी दफ़्तरों पर टूट पड़ी, वाहनों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। हालात बिगड़ने पर सुरक्षाबलों को आंसू गैस और लाठीचार्ज करना पड़ा।

मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि वांगचुक ने बीच में ही अपनी हड़ताल तोड़ दी और एम्बुलेंस से गांव लौट गए, लेकिन भीड़ को शांत करने की कोशिश नहीं की।

भूख हड़ताल से सड़क पर हिंसा तक

लगभग 10 दिन पहले शुरू हुई भूख हड़ताल शुरू में शांतिपूर्ण थी। वांगचुक और स्थानीय संगठन लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे।

लेकिन बुधवार को हालात अचानक बिगड़े। प्रदर्शनकारियों की झड़प पुलिस और अर्धसैनिक बलों से हुई, जिसमें 22 जवान भी घायल हुए। इसके बाद प्रशासन ने पूरे लेह में कर्फ़्यू लगाकर पाँच से ज़्यादा लोगों की भीड़ पर रोक लगा दी।

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वांगचुक का बयान – हिंसा से दुखी, युवाओं से अपील

वांगचुक ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि उनकी शांति का संदेश नाकाम रहा।
“15वें दिन की हड़ताल पर हिंसा और आगज़नी की घटनाएँ हुईं। यह हमारी पाँच साल की शांतिपूर्ण लड़ाई को कमज़ोर करता है,” उन्होंने कहा।

उन्होंने इसे युवाओं का ग़ुस्सा और बेरोज़गारी का नतीजा बताया। “पाँच साल से नौकरियाँ नहीं हैं, लोकतांत्रिक मंच नहीं है। लेकिन हिंसा हमारा रास्ता नहीं है। मैं युवाओं से folded hands अपील करता हूँ कि शांति का रास्ता अपनाएँ।”

कौन हैं सोनम वांगचुक?

  • 1966 में जन्मे वांगचुक एक इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं।

  • उन्होंने SECMOL (स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लद्दाख) की स्थापना की, जिससे शिक्षा को स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण से जोड़ा।

  • उन्होंने पानी बचाने के लिए आइस स्तूपा तकनीक विकसित की।

  • उनकी शख़्सियत से प्रेरित होकर बॉलीवुड की फ़िल्म 3 Idiots का किरदार बनाया गया था।

फिलहाल कर्फ़्यू के साए में लद्दाख में शांति लौटती दिख रही है। लेकिन लोगों की मांग अब भी वही है – राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में विशेष संवैधानिक अधिकार। आने वाले दिनों में तय होगा कि सरकार और स्थानीय संगठन फिर से बातचीत की मेज़ पर लौटते हैं या हालात और बिगड़ते हैं।

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