लेह/दिल्ली: गृह मंत्रालय (MHA) ने प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक के NGO SECMOL का FCRA (विदेशी योगदान) लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कदम लेह में बढ़ते हिंसक प्रदर्शन और CBI द्वारा FCRA उल्लंघन और वांगचुक की फरवरी पाकिस्तान यात्रा की जांच के बीच आया है।
लेह में हिंसा और झड़प
लेह में प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें 4 लोग मारे गए और 80 से ज्यादा घायल हुए, जिनमें लगभग 40 पुलिसकर्मी शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने वाहन जलाए और बीजेपी कार्यालय व हिल काउंसिल की इमारतों को नुकसान पहुँचाया। सुरक्षा बलों ने कर्फ्यू लगाया और आंसू गैस का इस्तेमाल कर स्थिति को काबू में किया।
हिंसा की वजह अगस्त में HIAL की जमीन आबंटन रद्द करने का निर्णय माना जा रहा है, जिसे स्थानीय लोग राज्यhood और Sixth Schedule सुरक्षा की मांग दबाने का प्रयास समझते हैं।
CBI जांच: FCRA उल्लंघन और पाकिस्तान यात्रा
CBI ने दो महीने पहले जांच शुरू की थी, जिसमें वांगचुक और उनके NGO के कथित FCRA उल्लंघनों और फरवरी में पाकिस्तान यात्रा की समीक्षा की जा रही है। अधिकारियों का आरोप है कि वांगचुक ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने वाले बयान दिए और Arab Spring जैसी आंदोलनों और नेपाल के Gen Z प्रदर्शन का हवाला देकर लोगों को उकसाया।
SECMOL का लाइसेंस रद्द, वित्तीय गड़बड़ियां
SECMOL को 20 अगस्त को शो-कॉज नोटिस और 10 सितंबर को रिमाइंडर भेजा गया था। MHA ने खाते में कई गड़बड़ियां पाईं:
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पुराने बस की बिक्री से ₹3.5 लाख मान्य नहीं।
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स्थानीय दाताओं से ₹54,600 FCRA खाते में जमा (स्वयंसेवक त्रुटि)।
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स्वीडिश NGO Framtidsjorden से ₹4.93 लाख, राष्ट्रीय हित के खिलाफ।
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2021 में ₹19,600 रिफंड, FCRA नियमों का उल्लंघन।
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कर्मचारियों की तनख्वाह से काटे ₹79,200 भोजन शुल्क खाते में जमा नहीं।
Sections 8(1)(a), 17, 18, 19 और 12(4) के उल्लंघन के आधार पर Section 14(1) का इस्तेमाल कर SECMOL का लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया गया।
वांगचुक का बयान
वांगचुक ने आरोपों को “धोखा देने की चाल” बताया और कहा कि वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए उन्हें निशाना बनाया गया। उन्होंने PTI से कहा, “यह कहना कि इसे मैंने या किसी राजनीतिक पार्टी ने उकसाया, असली समस्या को नजरअंदाज करना है।” उन्होंने गिरफ्तारी का सामना करने की भी तैयारी जताई।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
मंत्रालय ने कहा कि कुछ राजनीतिक तत्व वार्ता को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस पार्षद फंटसोग स्टानजिन त्सेपांग को भी भूख हड़ताल स्थल पर उत्तेजक भाषण देने के आरोप में नामजद किया गया।
SECMOL का लाइसेंस रद्द करना और CBI जांच यह संकेत देते हैं कि विदेशी फंड वाली NGOs पर कड़ी नजर रखी जा रही है, खासकर हिमालयी क्षेत्र में स्थानीय सक्रियता पर।