JNS: वेनेज़ुएला की जानी-मानी विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो (Maria Corina Machado) को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। उन्हें यह सम्मान अपने देश में लोकतंत्र बहाल करने और मानवाधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करने के लिए दिया गया है। इस घोषणा के साथ ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल जीतने की उम्मीदों पर विराम लग गया।
नोबेल समिति ने कहा कि मचाडो “एक ऐसी नेता हैं जिन्होंने विभाजित विपक्ष को एकजुट कर, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की मांग को केंद्र में लाया।”
समिति ने अपने बयान में लिखा, “यही लोकतंत्र का मूल है — जब हम असहमत होते हुए भी जनता के शासन के सिद्धांत की रक्षा के लिए एकजुट रहते हैं।”
President Donald Trump campaigned, joined by some foreign leaders, for a Nobel Peace Prize. But he is unlikely to be the winner, despite just announcing a ceasefire and hostage deal over the war in Gaza https://t.co/LjSAADiym3 pic.twitter.com/v90dx8zfdg
— Reuters (@Reuters) October 10, 2025
लोकतंत्र की निडर आवाज़
मचाडो ने दो दशक से भी अधिक समय तक वेनेज़ुएला के सत्तावादी शासन के खिलाफ संघर्ष किया है। वह “सूमाते” (Súmate) नामक संगठन की संस्थापक हैं, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए काम करता है।
2024 के चुनावों से पहले उनकी उम्मीदवारी सरकार ने रद्द कर दी थी। इसके बावजूद मचाडो ने पीछे हटने के बजाय विपक्ष के एक अन्य उम्मीदवार एडमंडो गोंज़ालेज़ उर्रुतिया का समर्थन किया, जिससे विपक्षी दलों में एकता आई।
⚡️BREAKING:
Maria Corina Machado wins the Nobel Peace Prize 2025.
U.S President Donald Trump did not win the Nobel Peace Prize. pic.twitter.com/yFHmmPs2DM
— Javed Rashid Khan (@javedrashidINC) October 10, 2025
खतरों के बीच अडिग रहीं
पिछले एक साल से मचाडो छिपकर रह रही हैं, क्योंकि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इसके बावजूद उन्होंने देश नहीं छोड़ा। नोबेल समिति ने कहा, “उनकी हिम्मत और प्रतिबद्धता ने लाखों लोगों को शांतिपूर्ण संघर्ष और लोकतांत्रिक बदलाव में विश्वास दिलाया है।”
यह सम्मान न सिर्फ मचाडो के साहस की पहचान है, बल्कि यह वेनेज़ुएला के लोकतांत्रिक आंदोलन के लिए भी वैश्विक समर्थन का संकेत है।
वहीं, इस बार ट्रंप का नाम विजेताओं की सूची में शामिल नहीं था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देता है — हिंसा या तानाशाही नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक संघर्ष ही सच्चा रास्ता है।