News Desk
बीते दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पंजाब में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया। इस हमले में पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर अपने 11 सैनिकों की मौत और कम से कम 78 के घायल होने की पुष्टि की है।
यह अभियान 6 मई की आधी रात के बाद शुरू हुआ, जिसमें भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर एक साथ कई ठिकानों पर हमला किया। भारत का दावा है कि इस ऑपरेशन में आतंकवाद से जुड़े 9 प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया गया और कई शीर्ष आतंकवादियों को मार गिराया गया। भारतीय आंकड़ों के अनुसार, इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 35-40 सैनिक और 100 से अधिक आतंकी मारे गए। मारे गए लोगों में यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे नाम शामिल हैं, जो 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण में शामिल थे।
जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में भारत ने दोबारा एयरस्ट्राइक की। भारत ने पाकिस्तान के 8 एयरबेस, रडार सिस्टम और कई अइम् ठिकानों को निशाना बनाया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (स्वब्) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलीबारी की खबरें भी सामने आईं।
पाकिस्तान ने भारत पर आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। उसकी ओर से बताया गया कि इन झड़पों में 26 आम नागरिकों की मौत और 46 घायल हुए, जिनमें महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल हैं। यह संघर्ष 22 अप्रैल को भारत के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारत का आरोप है कि यह हमला पाकिस्तान से आए आतंकियों द्वारा किया गया था।
लगभग 88 घंटे तक चले इस संघर्ष के बाद, 10 मई को दोनों देशों ने सीज़फायर पर सहमति जताई। लेकिन उससे पहले, 9 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस पर एक सटीक हवाई हमला किया। यह एयरबेस पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की निगरानी करने वाली एजेंसी के नियंत्रण में है। इस हमले के बाद पाकिस्तान में यह डर फैल गया कि भारत उसके परमाणु कमांड सिस्टम को भी निशाना बना सकता है।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि भारत का यह हमला पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट चेतावनी थीकृकि यदि उकसाया गया, तो भारत रणनीतिक ठिकानों पर भी कार्रवाई कर सकता है। इस घटनाक्रम से अमेरिका और खाड़ी देशों में गहरी चिंता उत्पन्न हुई और तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए।
चार दिन तक चले इस टकराव ने दक्षिण एशिया को एक बड़े युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया। दोनों पक्षों से भारी गोलीबारी, ड्रोन हमले और सैनिकों व नागरिकों की जानें गईं। भले ही अभी सीज़फायर लागू हो गया हो, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।