News Desk: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की खुफिया संस्था ISI और खालिस्तान समर्थक तत्वों से जुड़े एक बड़े जासूसी नेटवर्क को पकड़ा है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों से कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बड़ी कार्रवाई का नेतृत्व नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है।
गिरफ्तारियों में गगनदीप सिंह नाम का शख्स खास है। उस पर सेना की गोपनीय जानकारी जैसे सैनिकों की हरकतें, रणनीतिक जगहें और एक खास ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की डिटेल पाकिस्तान को लीक करने का आरोप है। पंजाब के पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने बताया कि गगनदीप का पाकिस्तान में रहने वाले कुख्यात खालिस्तानी ग़ोपल सिंह चावला से कनेक्शन था। चावला के जरिए उसने ISI से जुड़े 20 से ज्यादा एजेंट्स से संपर्क किया और पैसे लिए।
गगनदीप के फोन की जांच में कई गोपनीय बातें मिलीं, जिससे पता चला कि वह पाक खुफिया अफसरों से लगातार बातचीत करता रहा। ये गिरफ्तारी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंक हमले के बाद कड़ी निगरानी के चलते हुई।
जासूसी का बड़ा जाल फंसा
जांच के दौरान और 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें यूट्यूबर, छात्र, व्यापारी और एक सुरक्षा गार्ड भी शामिल हैं। यह दिखाता है कि जासूसी का जाल कितना बड़ा और फैलावदार था।
दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तारियों में दो महिलाएं भी हैं, जिनका सोशल मीडिया पर अच्छा खासा असर है। हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा जिनके 3.7 लाख से ज्यादा यूट्यूब सब्सक्राइबर और 1.3 लाख इंस्टाग्राम फॉलोवर हैं, और पंजाब की गुजाला भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि इनका सीधा ताल्लुक पाक खुफिया अधिकारी एहसान-उर-रहिम से था, जिसे पहले दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमिशन से निकाल दिया गया था।
राज्यवार गिरफ्तारी :
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पंजाब: 6 लोग
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हरियाणा: 5 लोग
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उत्तर प्रदेश: 1
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बाकी राज्यों (राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात): 3 लोग
जासूसी के तरीके
जासूस सोशल मीडिया, क्रिप्टोकरेंसी, UPI ट्रांसफर, हवाला नेटवर्क, ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स और ब्लॉकचेन जैसे कई छुपे हुए तरीके इस्तेमाल कर रहे थे।
लगभग 10,000 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर रखी जा रही है जो इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। NIA इस पूरे नेटवर्क को तहस-नहस करने में लगी हुई है और अभी और गिरफ्तारी हो सकती हैं।
यह बड़ी कार्रवाई भारत की सुरक्षा को धमकी देने वाले डिजिटल जासूसी और हाइब्रिड युद्ध की गंभीरता को दिखाती है, जिसमें विदेशी खुफिया एजेंसियां और आतंकवादी संगठनों की मिलीभगत शामिल है।
गंभीर मामला है।