राष्ट्रपति मुर्मू ने AIIMS देवघर में ड्रोन से दवा पहुंचाने की पहल की तारीफ की

देवघर (झारखंड): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज देवघर में AIIMS के पहले दीक्षांत समारोह में शिरकत की और संस्थान द्वारा आसपास के 5 जनजातीय गांवों को गोद लेकर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की पहल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि AIIMS देवघर ने अपनी स्थापना के केवल छह साल में जनजातीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो कार्य किया है, वह अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा है।

उन्होंने AIIMS देवघर को जनजातीय स्वास्थ्य के लिए ‘Centre of Competence’ के रूप में विकसित होने पर बधाई दी और खासकर ड्रोन के जरिए दवाइयां पहुंचाने की पहल को सराहा।

राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में टॉप करने वाले छात्रों को मेडल देकर सम्मानित किया, और यह देखकर खुशी जताई कि पुरस्कार पाने वालों में 50% से अधिक छात्राएं थीं। उन्होंने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी गर्व की बात है और AIIMS देवघर ने लड़का-लड़की अनुपात को संतुलित कर सराहनीय कार्य किया है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने डॉक्टरों से कहा कि वे इलाज में पेशेवर रहें लेकिन व्यवहार में संवेदनशीलता बनाए रखें। उन्होंने सभी मेडिकल प्रोफेशनल्स से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय और राज्य स्तर के स्वास्थ्य से जुड़े SDGs (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) को समय पर हासिल करने में योगदान दें।

उन्होंने AIIMS देवघर की नवजात मृत्यु दर, कुपोषण, सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया जैसे मुद्दों पर की गई कोशिशों की सराहना की और देश में काला-अजार की पूर्ण समाप्ति को एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने नए डॉक्टरों से कहा कि वे समाज में बदलाव लाने वाले बनें और देश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में भागीदार बनें।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को AIIMS देवघर की नींव रखी थी, और 12 जुलाई 2022 को अस्पताल की ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन किया था

इस मौके पर झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, सांसद निशिकांत दुबे, स्वास्थ्य सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा, AIIMS देवघर के चेयरमैन डॉ. एन. के. अरोड़ा और कार्यकारी निदेशक डॉ. सौरभ वर्श्नेय समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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