नई दिल्ली: लाल किला (Red Fort) मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए भीषण कार धमाके में 13 लोगों की मौत और कई घायलों के बाद अब जांच एक बेहद खतरनाक दिशा में आगे बढ़ रही है। फॉरेंसिक टीमों को गहरा शक है कि कार में लगाया गया विस्फोटक TATP (Triacetone Triperoxide) था — वही अत्यंत अस्थिर पदार्थ जिसे दुनिया भर में ‘मदर ऑफ सैटन’ (‘Mother of Satan’) कहा जाता है।
शुरुआती विश्लेषण से पता चलता है कि कार में लगाए गए IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को सक्रिय करने के लिए TATP को प्राइमरी ट्रिगर के तौर पर इस्तेमाल किया गया। इसके बाद अमोनियम नाइट्रेट और फ्यूल ऑयल से बने बड़े सेकेंडरी चार्ज ने जबरदस्त आग का गोला और शक्तिशाली शॉकवेव पैदा की। जांचकर्ताओं के अनुसार कार की पिछली सीट पर रखे गए एक बड़े बैग में लगभग 2–3 किलो TATP भरा था, जिसे मिलाकर कुल विस्फोटक वजन 40–50 किलो तक पहुंच सकता है।
धमाके की तीव्रता भी इसी ओर इशारा करती है। अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट का झटका 50 मीटर भूमिगत तक महसूस किया गया, जबकि ऊपर जमीन पर मानव अवशेष और मलबा काफी दूरी तक फैला पाया गया — यह TATP जैसे हाई-एनर्जी विस्फोटक की पहचान है।
With the revelation of the TATP factor in the Red Fort blast case yesterday, the safety precautions employed during the handling of explosives at the J&K police station should have been entirely different: @LtGenDPPandey, Analyst@akankshaswarups | #Srinagar #Blast… pic.twitter.com/5jV31GXqiQ
— News18 (@CNNnews18) November 15, 2025
TATP इतना खतरनाक क्यों?
TATP दुनिया के सबसे अस्थिर और संवेदनशील विस्फोटकों में गिना जाता है।
यह केवल गर्मी, रगड़, हल्के झटके, या स्थैतिक बिजली से भी फट सकता है। इसी वजह से इसे ले जाना, रखना और तैयार करना अत्यधिक जोखिम भरा होता है।
इसके बावजूद यह वैश्विक आतंकी संगठनों में लोकप्रिय है क्योंकि:
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इसे एसीटोन और हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसे आसानी से मिलने वाले रसायनों से बनाया जा सकता है
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इसका विस्फोटक प्रभाव TNT की ताकत का लगभग 80% तक पहुंच जाता है
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यह बहुत कम फॉरेंसिक निशान छोड़ता है, जिससे जांच मुश्किल हो जाती है
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इन गुणों के कारण कोई भी IED “मिलिट्री-ग्रेड” की ताकत हासिल कर लेता है।
जांच का दायरा बढ़ा, NSG की रिपोर्ट का इंतज़ार
ब्लास्ट साइट से जमा किए गए सभी नमूनों को NSG की लैब में भेजा गया है। यदि जांच में TATP की पुष्टि होती है, तो यह हमला न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत माना जाएगा बल्कि यह संकेत देगा कि इसके पीछे कोई अत्यंत संगठित और प्रशिक्षित मॉड्यूल काम कर रहा था।
जांच टीमें अब इन पहलुओं को खंगाल रही हैं:
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TATP बनाने के लिए केमिकल कहां से आए
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किसके पास इतने बड़े IED को असेंबल करने का कौशल था
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क्या इसमें किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हाथ है
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डिजिटल संचार और चैट ऐप्स से मिले संकेत
धमाका अब सिर्फ एक कार ब्लास्ट नहीं, बल्कि एक गहरी और बहु-स्तरीय आतंकी साजिश की ओर इशारा करता दिखाई दे रहा है।

