Red Fort Blast: उमर नबी के करीबी की गिरफ्तारी, ‘सुसाइड बॉम्बर’ की तलाश का चौंकाने वाला खुलासा

Red Fort Blast: उमर नबी के करीबी की गिरफ्तारी, ‘सुसाइड बॉम्बर’ की तलाश का चौंकाने वाला खुलासा
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JNS: लालकिला (Red Fort) ब्लास्ट (Blast) की जांच में NIA को बड़ी सफलता मिली है। एजेंसी ने अमीर राशिद अली को गिरफ्तार किया है, जो सुसाइड बॉम्बर डॉ. उमर नबी का अहम सहयोगी बताया जा रहा है। अमीर पर आरोप है कि उसने ही वह Hyundai i20 कार खरीदने में मदद की थी, जिसमें विस्फोटक भरकर 10 नवंबर को धमाका किया गया था। इस धमाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।

अमीर, जो सम्बूरा (पम्पोर, J&K) का रहने वाला है, दिल्ली में एक तेज़ अभियान के बाद पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि धमाके में इस्तेमाल हुई कार उसके ही नाम पर थी और वही उमर नबी के साथ मिलकर इसे खरीदने दिल्ली आया था।

फॉरेंसिक जांच में कार के अंदर मिले जले हुए शव की पहचान डॉ. उमर उन नबी के रूप में हुई है, जो अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। NIA ने उनके पास की एक और गाड़ी भी ज़ब्त की है। अमीर के घर पर छापे पड़े हैं और उसका भाई इस वक्त J&K पुलिस की हिरासत में है। अब तक 73 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है।

सुसाइड बॉम्बर खोजने का खतरनाक प्लान

जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ — पूरी मॉड्यूल की ओर से एक सुसाइड बॉम्बर की तलाश चल रही थी, और इसे आगे बढ़ा रहा था खुद उमर नबी। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उमर नबी एक “कट्टरपंथी” था और वो अपनी हर कार्रवाई में सुसाइड हमलावर शामिल करना चाहता था।

इन इनपुट्स के बाद श्रीनगर पुलिस ने जासिर उर्फ ‘दानिश’ को पकड़ा, जो क़ाज़ीगुंड का रहने वाला और पॉलिटिकल साइंस ग्रेजुएट है। उसका नाम गिरफ्तार डॉक्टरों—डॉ. अदील राथर और डॉ. मुज़फ़्फ़र गनाई—की पूछताछ में सामने आया था।
जासिर ने बताया कि वह पहली बार पिछले साल अक्टूबर में कुलगाम की एक मस्जिद में इस डॉक्टर मॉड्यूल से मिला था और बाद में उसे हरियाणा के फरीदाबाद में अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी से जुड़े एक किराए के कमरे में ले जाया गया।

जासिर के अनुसार, कुछ लोग चाहते थे कि वह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का ओवरग्राउंड वर्कर बने, लेकिन उमर नबी महीनों तक उसे सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए दबाव डालता रहा।
यह प्लान अप्रैल में फेल हो गया, जब जासिर ने पैसे की तंगी और धार्मिक कारणों से यह काम करने से साफ इनकार कर दिया। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह मॉड्यूल जिस तरह सुसाइड हमलावर ढूंढ रहा था, वह पूरी इंटरस्टेट JeM नेटवर्क की गंभीरता दिखाता है।

तुर्की यात्रा, कट्टरपंथ और दिसंबर वाला प्लान

28 वर्षीय उमर नबी कथित तौर पर दिसंबर में बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने की बरसी के आसपास एक बड़ा IED हमला करने की तैयारी में था। उसकी कट्टरपंथ की शुरुआत 2021 में तुर्की यात्रा के बाद हुई, जहाँ वह और सह-आरोपी डॉ. मुज़म्मिल गनाई कथित तौर पर जैश के ओवरग्राउंड वर्कर्स से मिले।

वापस आकर दोनों ने—जो अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे—360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे रसायन जुटाए, जिनका बड़ा हिस्सा यूनिवर्सिटी के पास छिपाकर रखा गया था।
दिसंबर वाला प्लान तब टूट गया जब गनाई पकड़ा गया और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए। एजेंसियों का मानना है कि इसी झटके के बाद उमर ने जल्दबाज़ी में लालकिला हमले को अंजाम दिया, जिसमें उसकी भी मौत हो गई।

NIA का कहना है कि वह दिल्ली पुलिस, J&K पुलिस, हरियाणा, UP पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर पूरी साजिश की परतें खोल रही है। एजेंसी के मुताबिक अमीर की गिरफ्तारी जांच में बहुत अहम कदम है, क्योंकि उसने उमर नबी के साथ सक्रिय रूप से साजिश रची थी।

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