भारत में हर फोन पर अब अनिवार्य होगा ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) साइबर ऐप और SIM बाइंडिंग

भारत में हर फोन पर अब अनिवार्य होगा 'संचार साथी' साइबर ऐप और SIM बाइंडिंग
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भारत सरकार का बड़ा कदम: हर नए स्मार्टफोन में अब अनिवार्य साइबर सुरक्षा ऐप

नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्मार्टफोन कंपनियों को निर्देश दिया है कि भारत में बेचे जाने वाले हर नए मोबाइल में ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) साइबर सिक्योरिटी ऐप पहले से इंस्टॉल किया जाए — और सबसे अहम, यूजर इसे अनइंस्टॉल नहीं कर सकेगा।

यह नियम पुराने फोन पर भी लागू होगा — उन्हें यह ऐप सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए मिलेगा। कंपनियों के पास इसे लागू करने के लिए तीन महीने का समय है। माना जा रहा है कि एप्पल, सैमसंग, शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसी कंपनियां इस फैसले पर आपत्ति दर्ज करा सकती हैं।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इसे देश में “साइबर सुरक्षा और एंटी-स्पैम को मजबूत करने की कवायद” बताया।

संचार साथी क्या करता है?

ऐप इस समय ऐच्छिक डाउनलोड के रूप में उपलब्ध है, लेकिन अब यह एक अनिवार्य सिस्टम ऐप बन जाएगा।

जनवरी में लॉन्च हुए इस ऐप के:

  • 50 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं

  • 37 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए फोन ब्लॉक किए गए

  • 22 लाख से ज्यादा फोन का पता लगाया गया

यह ऐप फोन के IMEI नंबर के आधार पर डिवाइस को ट्रैक व ब्लॉक करता है। साथ ही संदिग्ध कॉल/मैसेज या धोखाधड़ी की रिपोर्ट भी की जा सकती है। यह नकली/फर्जी मोबाइल का पता लगाने और रोकने में भी मदद करता है।

SIM बाइंडिंग: मैसेजिंग पर और सख्ती

सरकार ने व्हाट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म को SIM बाइंडिंग लागू करने के लिए भी निर्देशित किया है। यानी:

  • जिस SIM से अकाउंट रजिस्टर किया गया है, वही SIM फोन में होना जरूरी

  • SIM निकालते ही अकाउंट ऑटो-लॉगआउट

  • व्हाट्सऐप वेब जैसी सेवाओं के लिए बार-बार री-ऑथेंटिकेशन

अब तक OTP से वेरिफिकेशन होता था, लेकिन नए नियम में प्लेटफॉर्म को SIM पर मौजूद IMSI नंबर का इस्तेमाल करना होगा।

कंपनियां असमंजस में

यूजर के पास ऐप हटाने का विकल्प नहीं होगा — इससे प्राइवेसी, कंट्रोल और सॉफ्टवेयर स्वतंत्रता जैसे मुद्दे उठ सकते हैं। बड़ी टेक कंपनियों के बीच इस पर चर्चा तेज है, लेकिन फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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