असंख्य पार्थिव शिवलिंग बनाकर मैथिलों ने की महादेव की पूजा

बोकारो ः नगर के सेक्टर-2 स्थित श्यामा माई मंदिर में मैथिली कला मंच काली पूजा ट्रस्ट की ओर से नरक निवारण चतुर्दशी के अवसर पर पूजन संबंधी कार्यक्रमों की धूम मची रही। इस अवसर पर भारी संख्या में उपस्थित मैथिलानियों ने सिमरिया से लाए गए गंगोट (गंगा नदी के तल की मिट्टी) में गंगाजल मिश्रित कर असंख्य पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया। उसके बाद विधिपूर्वक उन सभी की एक साथ मंदिर के यज्ञ मंडप में पूजा-अर्चना संपन्न की गई। यज्ञाचार्य पं. योगेंद्र मिश्र के निर्देशन में विधि-विधान के साथ शिवलिंग पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। यजमान के रूप में सुनील मोहन ठाकुर एवं अमरनाथ झा उपस्थित रहे।

मन्दिर पर पारंपरिक नचारी गायन के बीच सुबह 8.00 बजे से ही पार्थिव शिवलिंग का निर्माण शुरू हो गया। उसके बाद काली पूजन और सांब सदाशिव पूजन किया गया। तत्पश्चात संध्या बेला में आरती एवं महाप्रसाद वितरण के साथ भजन-कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

अनुष्ठान के सफल आयोजन में मुख्य रूप से यजमान अमरनाथ झा, ममता झा सहित पं. चंचल झा, पं. बाल शेखर झा, पं. गौरी शंकर झा, पं. गोविंद झा, पं. हरिश्चन्द्र झा, गोविंद कुमार झा, गंगेश कुमार पाठक, शंभु झा, मिहिर मोहन ठाकुर, सुशील कुमार झा, शंकर मिश्र, अरुण ठाकुर, उषा झा, जयंती पाठक, शैलजा झा आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मैथिली कला मंच काली पूजा ट्रस्ट के महासचिव एवं यजमान सुनील मोहन ठाकुर ने बताया कि मिथिला में अनंत काल से नरक निवारण चतुर्दशी की महत्ता रही है। ऐसी मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग बनाकर उनका पूजन करने से भगवान भोलेनाथ सभी प्रकार के कष्टों को हर जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि लगभग तीन दशक से इस श्यामा माई मंदिर में यह आयोजन होता रहा है। मिथिला के सिमरिया से गंगा नदी की पवित्र मिट्टी (गंगोट) लाकर वहीं के गंगाजल को उसने मिश्रित कर पार्थिव शिवलिंग मनाया जाता रहा है।

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