News Desk: भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में खत्म हुई झड़प पर अंतरराष्ट्रीय सैन्य विशेषज्ञ टॉम कूपर ने साफ कहा है कि यह टकराव भारत की “साफ-साफ जीत” थी। कूपर के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के अहम मिलिट्री ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया, जिनमें एक न्यूक्लियर हथियार भंडारण केंद्र भी शामिल है।
अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा, “अगर एक देश दूसरे के न्यूक्लियर वेपन्स स्टोरेज को बम से उड़ा रहा है और दूसरा पलटवार करने की हालत में नहीं है, तो मेरे हिसाब से ये एकतरफा जीत है।”
टॉम कूपर ने दावा किया कि पाकिस्तान की मजबूरी में की गई सीज़फायर की मांग इसी हार का नतीजा थी। उन्होंने लिखा, “इस मामले में भारत की साफ जीत हुई है, कोई ताज्जुब नहीं कि इस्लामाबाद ने खुद ही युद्धविराम की बात की।”
अमेरिकी मीडिया और पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मुझे CNN वगैरह के पीआर स्टोरीज़ से कोई फर्क नहीं पड़ता, और ना ही दिल्ली के इस रुख से कि हम जिम्मेदार लोकतंत्र हैं इसलिए सैन्य जीत का ऐलान नहीं करेंगे।”
खबर है कि पाकिस्तान का नूर खान एयरबेस, जो उसके न्यूक्लियर प्रोग्राम से जुड़ा मुख्य ठिकाना माना जाता है, भारत के हमले में बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसके बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद मांगी और ‘न्यूक्लियर अलार्म’ का हवाला दिया।
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (DGMO) के बीच 10 मई को दोपहर 3:35 बजे बातचीत हुई, जिसके बाद दोनों देशों ने जमीन, समुद्र और हवा में सभी सैन्य गतिविधियाँ रोकने पर सहमति जताई। ये सीज़फायर शाम 5 बजे से लागू हुआ।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी पुष्टि की। सरकार ने साफ किया कि यह फैसला दोनों देशों के बीच सीधे संवाद से हुआ, न कि किसी तीसरे पक्ष के दबाव में।
हालांकि भारत में कुछ लोगों और विशेषज्ञों को लगा कि सरकार ने सीज़फायर के लिए जल्दी फैसला ले लिया। उनका मानना था कि भारत को और गहराई से दबाव बनाना चाहिए था, क्योंकि सैन्य मोर्चे पर उसे साफ बढ़त थी।
भारतीय वायुसेना ने हालांकि ये दावा खारिज किया कि उन्होंने पाकिस्तान के किराना हिल्स इलाके को निशाना बनाया, जिसे न्यूक्लियर साइट माना जाता है। एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, “हमें इसके बारे में जानकारी नहीं थी, और हमने उस इलाके को नहीं टारगेट किया।”
इसके बावजूद, टॉम कूपर का कहना है कि भारत की एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान की वायुसेना और ग्राउंड डिफेंस को बुरी तरह दबा दिया। उन्होंने लिखा, “कोई समझदार देश दुश्मन को अपने न्यूक्लियर हथियार स्टोरेज के दोनों गेट उड़ाने की छूट नहीं देता। मगर यही पाकिस्तान में हुआ — और यही युद्ध का नतीजा तय करता है।”