ट्रंप ने मांगे पाक के सैन्य अड्डे, बदले में जेट, मिसाइल और अरबों की मदद का वादा
News Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर से एक अहम और चौंकाने वाली डील का प्रस्ताव रखा है। सीएनएन-न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा है कि अगर पाकिस्तान अमेरिका को अपने सैन्य ठिकानों और समुद्री बंदरगाहों तक पहुंच देता है, तो वह बदले में पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स, एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम और मोटी आर्थिक मदद देंगे। यह दावा CNN-News18 ने अपनी एक विशेष रिपोर्ट में “शीर्ष सूत्रों” के हवाले से किया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह पेशकश व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ “वर्किंग लंच” के दौरान हुई। इस मुलाकात में ट्रंप ने अमेरिका-पाकिस्तान के बीच एक नई सैन्य साझेदारी का खाका पेश किया।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप ने मुनीर से साफ शब्दों में कहा –
“अपने सैन्य अड्डे हमें दो, बदले में हम तुम्हें फाइटर जेट देंगे।”
ट्रंप की ये पेशकश सिर्फ डिफेंस डील नहीं, बल्कि एक रणनीतिक गठजोड़ का हिस्सा है। लेकिन इसकी एक बड़ी शर्त भी है — पाकिस्तान को चीन और रूस से दूरी बनानी होगी।
चीन से दूर हो, अमेरिका के करीब आओ
हालाँकि, ट्रंप की इस डील में सबसे अहम शर्त यह है कि पाकिस्तान को चीन और रूस के साथ अपने मौजूदा रणनीतिक रिश्तों को कमजोर करना होगा। गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में पाकिस्तान ने चीनी लड़ाकू विमान, मिसाइल और अन्य सैन्य उपकरण बड़ी मात्रा में खरीदे हैं और रणनीतिक रूप से चीन के काफी करीब आ चुका है।
हालाँकि पाकिस्तान का अमेरिका से भी पुराना रिश्ता रहा है — खासकर F-16 लड़ाकू विमान और नौसेना से जुड़ी तकनीकों के मामले में — लेकिन बीते दौर में चीन से नजदीकी बढ़ने से वॉशिंगटन में चिंता थी। अब ट्रंप उस संतुलन को फिर से अमेरिका के पक्ष में करना चाहते हैं।
इरान युद्ध की तैयारी?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप चाहते हैं कि अगर अमेरिका इजरायल के साथ मिलकर ईरान से युद्ध में उतरता है, तो पाकिस्तान उसका सहयोगी बने। ऐसे में पाकिस्तानी सैन्य अड्डे, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट और समुद्री रास्ते बेहद अहम होंगे।
व्हाइट हाउस में लंच, लेकिन संदेश गंभीर
बुधवार को असीम मुनीर और ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में ‘वर्किंग लंच’ हुआ। ट्रंप ने मुनीर की तारीफ करते हुए उन्हें “स्मार्ट आदमी” कहा और बताया कि वे इस मुलाकात से सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
ये मुलाकात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ट्रंप की फोन कॉल के एक दिन बाद हुई, जिसमें ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने में भूमिका निभाई है — खासकर कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले के बाद।
बाइडन के बाद बदले रिश्ते
जो बाइडन के राष्ट्रपति रहते पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते बेहद ठंडे थे — चार साल में बाइडन ने एक बार भी पाकिस्तानी नेतृत्व से बात नहीं की। अब ट्रंप के लौटते ही इन संबंधों में नई गर्मी दिख रही है।
नूर खान एयरबेस पर नया विवाद
इस बीच पाकिस्तानी सुरक्षा विश्लेषक इम्तियाज़ गुल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस अमेरिका के “नियंत्रण” में है। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अफसरों को भी हस्तक्षेप की इजाज़त नहीं है।
⚡ PAK AIRBASE UNDER U.S. CONTROL:
Pakistani journalist Imtiaz Gul claims that Pakistan’s Nur Khan Airbase is managed by Americans, and even Pakistani Army officers are not allowed to interfere. pic.twitter.com/J0QOEhNEXS
— OSINT Updates (@OsintUpdates) June 2, 2025
गुल ने दावा किया कि वहां अमेरिकी विमानों की आवाजाही होती रहती है और इनके मिशन व सामान को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं है। ये बात इशारा करती है कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कुछ गोपनीय सैन्य समझौते पहले से ही हो सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की ये पहल सिर्फ एक डिफेंस डील नहीं, बल्कि पाकिस्तान को चीन से दूर कर अमेरिकी पाले में लाने की बड़ी कोशिश है। अगर यह डील होती है, तो दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।