रांची: शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास झारखंड प्रांत कार्यकारिणी की बैठक ऑनलाइन माध्यम से ज़ूम ऐप के द्वारा आहूत की गई जिसमें “भारतीय शिक्षा: COVID-19 के संदर्भ में चुनौतियाँ और अवसर” विषय पर विचार विमर्श किया गया।बैठक की अध्यक्षता डॉ गोपाल जी सहाय ने की|
आयोजित न्यास की इस महत्त्वपूर्ण बैठक को बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री सुरेश गुप्ता जी ने संबोधित करते हुये शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के शिक्षा संबंधी कार्यों व नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला|
इस दौरान उन्होंने ने बदलते हुये परिवेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की महत्ता पर प्रकाश डाला एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति में न्यास के उद्देश्यों की जानकारी दी| उन्होंने कहा कि यदि देश को बदलना है तो हर हाल में शिक्षा व्यवस्था को बदलना होगा।
मैकाले की शिक्षा व्यवस्था भारतीयता की भावना, स्वाभिमान स्वावलंबन आत्मविश्वास को कमजोर करते हुए केवल और केवल अंग्रेजी मानसिकता का गुलाम युवा वर्ग तैयार करना चाहता है। हमें हर हालत में भारतीय शिक्षा पद्धति को अपनाकर राष्ट्र के लिए समर्पित राष्ट्रभक्त योग्य नागरिक तैयार करना होगा।
विश्वव्यापी कोरोना वायरस संक्रमण, कोविड-19 के कारण उत्पन्न राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण शिक्षा जगत पर इसका व्यापक असर पड़ा है। लॉक डाउन की अवधि में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा शिक्षा के उन्नयन के साथ साथ सामाजिक सहयोग, जरूरतमंद लोगों को जरूरी व उपयोगी सामग्रियों का वितरण भी किया जा रहा है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न विषयों को लेकर ऑनलाइन लेक्चर सीरीज आयोजित किया जाएगा जिससे न्यास का कार्य अविरल चलता रहे।
बैठक का संचालन झारखंड प्रांत संयोजक श्री अमरकांत झा ने किया। बैठक में उपस्थित सभी शिक्षाविदों का धन्यवाद ज्ञापन झारखंड प्रांत उपाध्यक्ष प्रो (डॉ )विजय कुमार सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉ रंजीत प्रसाद, डॉ बी.के.विश्वकर्मा, श्रीमती ललिता राणा, डॉ अमृत कुमार, श्री महेंद्र सिंह, प्रो कविता परमार सहित अन्य उपस्थित थे।