मातृभाषा व संस्कृति से जुड़ाव जरूरी : चंदन झा

बोकारो। मैथिली भाषा-भाषियों की लब्ध प्रतिष्ठित संस्था मिथिला सांस्कृतिक परिषद् बोकारो द्वारा साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित मैथिली भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ ब्रज किशोर वर्मा ‘मणिपद्म’ स्मृति जयंती समारोह सह मैथिली कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन शनिवार की देर शाम सेक्टर 4 ई स्थित मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल परिसर में हुआ। इस कवि सम्मेलन में वरिष्ठ गीतकार-गजलकार एवं साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2020 के बाल साहित्य पुरस्कार हेतु चयनित सिया राम झा ‘सरस’, भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी व साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित कवि कुमार मनीष अरविन्द, कवयित्री रूणा रश्मि ‘दीप्त’ (रांची), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जय प्रकाश चौधरी ‘जनक’, चर्चित गीतकार डॉ चन्द्रमणि झा, मणिकान्त झा (दरभंगा) ने मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत विभिन्न रस की कविताएं व गीत सुनाकर देर रात तक श्रोताओं को आनंदित किया।
समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि बोकारो के एसपी चंदन कुमार झा, सम्मानित अतिथि डीआईजी सीआरपीएफ दिलीप चौधरी, मिथिला सांस्कृतिक परिषद् के पूर्व महासचिव बलराम चौधरी, हरिमोहन झा, सतीश चंद्र झा, वर्तमान अध्यक्ष अनिल कुमार, उपाध्यक्ष अनिमेष कुमार झा, राजेन्द्र कुमार, महासचिव अविनाश कुमार झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर तथा मणिपद्म की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन कर किया। स्वागत भाषण परिषद् के महासचिव अविनाश कुमार झा ने किया।
मुख्य अतिथि श्री झा ने अपने संबोधन में मणिपद्म जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित इस भव्य आयोजन की सराहना की। उन्होंने मिथिला की कला-संस्कृति को अनुपम बताते हुए युवाओं को जोड़े रखने की जरूरत पर बल दिया। एसपी श्री झा ने कहा कि हम जहां भी रहें अपनी भाषा संस्कृति से जुड़े रहें।
एसपी श्री झा व डीआईजी श्री चौधरी ने इस वर्ष जेईई मेन में 100 पर्सेंटाइल स्कोर लाकर देशभर के 6 टॉपर्स में शामिल बोकारो के साकेत झा सहित जेईई-एडवांस में सफल मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के 5 विद्यार्थियों एवं आमंत्रित कवियों को शाल व पाग पहनाकर सम्मानित किया।
परिषद् के पूर्व महासचिव तुला नंद मिश्र ने मणिपद्म को बहुआयामी रचनाकार के रूप में याद करते हुए साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्राप्त उनकी कृति ‘नैका बंजारा’ (उपन्यास) सहित अन्य कृतियों की चर्चा की। इस मौके पर परिषद् की ओर से मुख्य अतिथि व आमंत्रित कवियों का स्वागत शॉल भेंटकर किया गया। परिषद के प्रेस सचिव व सुप्रसिद्ध गायक अरुण पाठक ने महाकवि विद्यापति रचित भगवती वंदना ‘जय-जय भैरवि असुर भयाउनि…’, अक्षिता पाठक ने भगवती गीत ‘जगदंब अहीं अवलंब हमर हे माय अहां बिनु आस ककर…’ व नैना प्रियदर्शनी ने स्वागत गीत ‘मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल…’ सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर धीरज तिवारी व हारमोनियम पर विश्वनाथ गोस्वामी ने अच्छी संगति की। उद्घाटन सत्र का मंच संचालन परिषद् के सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशक शंभु झा ने किया।
उद्घाटन सत्र के बाद सुप्रसिद्ध कवि सिया राम झा ‘सरस’ की अध्यक्षता एवं प्रसिद्ध कवि-गीतकार व आकाशवाणी के उद्घोषक मणिकांत झा के संचालन में आयोजित कवि सम्मेलन की शुरुआत बुद्धिनाथ झा की रचना से हुई जिसे शंभु झा ने पढ़ कर सुनाया। प्रख्यात हास्य कवि डॉ जय प्रकाश चौधरी ‘जनक’ ने ‘वैज्ञानिक सब क’ लेलकैए एगो असलका अनुसंधान, सब परसौतिक अगबे बेटा बेटी के नहि नाम निशान’, प्रख्यात गीतकार डॉ चन्द्रमणि झा ने ‘हम बालवृंद अहां बालेश्वर, हम ठाढ़ छी एक नेहरा में, जौं मनुखक पद पुनि दी हमरा जनमी मां मिथिले कोरा में…’ सुनाकर सबकी प्रशंसा पाई।
 कवि-गीतकार मणिकान्त झा ने ‘पाबनिक मोटरी बान्हिक’ आयल, कार्तिक केर सुंदर महिना/सब दिन अछि त्यौहारक अवसर, किछु ने किछुओ रोजीना…, कुमार मनीष अरविंद ने ‘चल जंगल चल/चल जंगल चल, रामायण में आयल जंगल/द्वापर युग छिड़िआयल जंगल, कलियुग में प्राचीन काल हो, मध्यकाल की हाल-साल हो…’, रूणा रश्मि ‘दीप्त’ ने ‘एलहुं भक्त अहां के हम सब, दर्शन के अभिलाषी मां/वास अहां के गिरि पर मैया, हम मिथिला के वासी मां…’ की सुंदर प्रस्तुति से सबकी तालियां बटोरी। धन्यवाद ज्ञापन परिषद के उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने किया।
इस मौके पर रबीन्द्र झा, समरेंद्र झा, प्रदीप झा, अविनाश झा अवि, किरण मिश्रा,कंजन झा, मधु झा, बहुरन झा, नीरज चौधरी, सुनील मोहन ठाकुर, रामबाबू चौधरी, सुनील चौधरी, अमन झा, गंगेश पाठक, गोविंद कुमार झा, पीके झा चंदन, बटोही कुमार, संजय कुमार झा, कौशल कुमार राय, श्रीमोहन झा, श्रवण कुमार झा, हरिश्चन्द्र झा, राजीव कंठ, डॉ रंजना श्रीवास्तव सहित काफी संख्या में श्रोता उपस्थित थे। अंत मे परिषद् के पूर्व महासचिव श्याम चंद मिश्र ‘विनोद’ के असामयिक निधन पर परिषद ने शोक जताया।

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