चीन के हैकरों के एक समूह ने भारत की पावर ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया था।अमरीका की एक कंपनी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि चीन से संबंधित हैकरों के एक समूह ने मैलवेयर के जरिए भारत की पावर ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया था। इससे संदेह बढ़ गया है कि पिछले साल मुंबई में बड़े स्तर पर बिजली आपूर्ति बाधित होना क्या ऑनलाइन घुसपैठ का नतीजा था।
विभिन्न सरकारों के संगठनों द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल का अध्ययन करने वाली मैसाचुसेट्स स्थित कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर ने अपनी हाल की रिपोर्ट में चीन से संबंधित समूह रेड इको द्वारा भारतीय बिजली क्षेत्र को निशाना बनाते हुए की गई कारगुजारियों का ब्यौरा दिया है। बड़े पैमाने पर स्वचालित नेटवर्क ट्रैफिक एनालिटिक्स और विशेषज्ञ विश्लेषण के माध्यम से इसका पता लगा था।
12 अक्टूबर को मुंबई में ग्रिड फेल होने से बिजली आपूर्ति व्यापक स्तर पर बंद हो गई थी। इससे ट्रेनों का आवागमन बीच में ही रूक गया था और कोविड महामारी के बीच घरों से काम करने वालों का काम काफी बाधित हुआ था। इससे आर्थिक गतिविधियों को काफी नुकसान पहुंचा था। आवश्यक सेवाओं के लिए बिजली आपूर्ति बहाल करने में दो घंटे लगे थे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना की जांच के आदेश दिए थे।
इस आरोप के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने भारत में पावर ग्रिड हैकिंग में चीन के शामिल होने की आलोचना खारिज कर दी। प्रवक्ता ने कहा कि बिना सबूत के आरोप लगाना गैर जिम्मेदाराना और दुर्भावनापूर्ण है।