– (डा) मनमोहन प्रकाश
भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।इसी कारण भारत वर्तमान में मधुमेह की वैश्विक राजधानी बना हुआ है। अनुमानित आंकड़े बताते हैं कि भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 77 मिलियन लोग टाइप -2 डायबिटीज़ के शिकार हैं तथा लगभग 25 मिलियन प्री-डायबिटीज अवस्था में है जिन्हें भविष्य में मधुमेह होने का खतरा आतंकित कर रहा है है। इससे भी ज्यादा चिंता की बात तो यह है कि 50 प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं उन्हें मधुमेह है।इस रोग की भयावहता यह है कि यह अन्य घातक रोग जैसे हृदय एवं रक्त संचार से जुड़े रोगों (उच्च रक्तचाप,दिल का दौरा, स्ट्रोक आदि ) के जोख़िम को बढ़ाता है, न्यूरोपैथी तथा किडनी रोग को जन्म दे सकता है तथा रेटिनोपैथी का कारण बन सकता है।
हम कह सकते हैं कि आज सबसे ज्यादा भारतीय यदि किसी रोग से परिचित और प्रभावित हैं तो वह है-मधुमेह।फिर भी इस रोग के प्रति जितनी जागरूकता होनी चाहिये, वह नहीं है अथार्त इस रोग को भारतीय बहुत ही हल्के में लेते हैं। कुछ तो इसे रोग मानने को ही तैयार नहीं तभी तो न भोजन प्रबंधन पर ध्यान,न जीवन प्रबंधन पर ध्यान और न ही चिकित्सा प्रबंधन पर ध्यान। जबकि मधुमेह की जटिलता को रोकने के लिए इन तीनों को जीवन में महत्त्व देना आवश्यक है। ऐसा करके हम मधुमेह को जल्दी आने से रोक सकते हैं, उससे होने वाली जटिलताओं को सीमित कर सकते, उम्र को बढ़ा सकते हैं और सबसे बड़ी बात जीवन का आनंद ले सकते हैं।
अतः मधुमेह को रोकने और नियंत्रण में रखने के लिए जीवनशैली में निम्नानुसार बदलाव आवश्यक है:-
(1)संतुलित आहार को महत्व दें अथार्त साबुत अनाज, फल, सब्जियां, प्रोटीन और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
(2)शर्करा और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें अथार्त मीठे पेय, सफेद ब्रेड, चावल और पास्ता आदि की मात्रा कम करें।
(3)फाइबर युक्त आहार का उपयोग बढ़ाये जैसे साबुत अनाज, दालें, सब्जियां और सलाद।
(4)वसा संतुलन को महत्व दें अथार्त ट्रांस फैट्स से बचें और स्वस्थ वसा (जैसे नट्स, एवोकाडो और मांसाहारी ओमेगा-3 युक्त मछलियों आदि) का सेवन बढ़ाएं।
(5) शारीरिक गतिविधियों को नियमित रूप से दिनचर्या में जगह दें अथार्त 30 मिनट या उससे अधिक समय तक मध्यम से तेज़ व्यायाम करें (जैसे चलना, दौड़ना, तैरना, साइकिलिंग, योगासन-प्रणायम)।
(6) शरीर वजन का प्रबंधन करें अथार्त बाॅडी मास इंडेक्स (BMI) को 18.5 से 24.9 के मध्य रखें।
(7) तनाव मुक्त रहें ।इसके लिए ध्यान,योग, संगीत या अन्य रिलैक्सेशन तकनीक का सहारा लिया जा सकता है।
(8)समय प्रबंधन पर ध्यान दें अथार्त समय पर नींद, विश्राम , भोजन, व्यायाम और परिवार के लिए पर्याप्त समय निर्धारित करें।
(9) धूम्रपान और शराब से परहेज करें यदि इन्हें छोड़ना मुश्किल हो तो सीमित अवश्य करें।
(10) नियमित चिकित्सकीय जांच तथा परामर्श अवश्य लें।
(11) पानी का सेवन बढ़ाएं।अधिक पानी न केवल शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, बल्कि रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।
(12)स्वाद पर नियंत्रण रखें। फास्ट फूड, तली-भुनी, अधिक मिर्च-मसाला, बेवरेज के उपयोग से बचें तथा मिष्ठान का मोह त्यागें।
अतः जीवनशैली में किए गए छोटे-छोटे बदलाव हमारी मधुमेह से रक्षा कर सकते हैं, हमें मधुमेह रोगी होने से बचा सकते हैं, और यदि रोग हो गया है तो उसे नियंत्रण में रख सकते हैं।