विंडहोक, नामीबिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह नामीबिया की राजधानी विंडहोक पहुंचे। यह उनके पांच देशों के दौरे का आखिरी पड़ाव है, जिसमें वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील होते हुए अब नामीबिया पहुंचे हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नामीबिया की तीसरी और मोदी की पहली यात्रा है।
विंडहोक एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और भारतीय समुदाय के लोगों ने गरबा और योग प्रदर्शन के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
पीएम मोदी नामीबियाई राष्ट्रपति नेतुम्बो नंदी-नदैतवाह के निमंत्रण पर वहां पहुंचे हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, स्वास्थ्य, डिजिटल शिक्षा और रक्षा सहयोग को लेकर कई अहम समझौते (MoU) होने की संभावना है।
The Indian community in Namibia is extremely optimistic about closer India-Namibia friendship and this reflected in the special welcome in Windhoek. I am extremely proud of our diaspora, particularly the manner in which they have retained a connect with their culture and… pic.twitter.com/95eJSdA510
— Narendra Modi (@narendramodi) July 9, 2025
इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भी दिया जाएगा। वे नामीबिया के राष्ट्रपिता डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और देश की संसद को संबोधित भी करेंगे—जो किसी विदेशी नेता के लिए एक खास अवसर है।
क्यों खास है नामीबिया भारत के लिए?
नामीबिया खनिज संपदा से भरपूर देश है। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यूरेनियम उत्पादक है, जो भारत के लिए बेहद अहम है। भारत सरकार 2033 तक 9,000 मीट्रिक टन यूरेनियम आयात करने की योजना बना रही है ताकि देश में बन रहे नए परमाणु रिएक्टरों को ईंधन मिल सके। नामीबिया इसमें अहम भागीदार बन सकता है।
भारत के उच्चायुक्त राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सीधे नामीबिया से यूरेनियम के आयात पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही नामीबिया के समुद्री हीरे और हालिया तेल-गैस खोजों में भी भारत की गहरी दिलचस्पी है।
नामीबिया के समुद्र में पाए जाने वाले हीरे दुनिया में सबसे समृद्ध माने जाते हैं, लेकिन अभी भारत को ये हीरे लंदन और एंटवर्प जैसे विदेशी बाजारों के जरिए मिलते हैं। पीएम मोदी इस दौरान सीधे व्यापार की संभावनाओं की भी नींव रख सकते हैं।
व्यापार, तकनीक और ट्रेनिंग
भारत और नामीबिया के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। साल 2022-23 में यह व्यापार 278 मिलियन डॉलर था, जबकि 2023 में सिर्फ आठ महीनों में यह बढ़कर 654 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
भारत विंडहोक में एक आईटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी खोल रहा है, जहां नामीबियाई युवाओं और सरकारी कर्मियों को डिजिटल गवर्नेंस और साइबर सुरक्षा में ट्रेनिंग दी जाएगी। रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच ऑफिसर लेवल ट्रेनिंग और गैर-घातक तकनीकों के आदान-प्रदान पर बातचीत हो सकती है।
चीतों से चीन तक
भारत और नामीबिया के बीच एक अनोखा वन्यजीव संबंध भी है। सितंबर 2022 में पीएम मोदी ने नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा था, जो किसी बड़े मांसाहारी जानवर का पहला अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी की यह यात्रा अफ्रीका में चीन के बढ़ते प्रभाव का संतुलन बनाने की कोशिश भी है। चीन और नामीबिया के बीच पहले से गहरे संबंध हैं और 2018 में दोनों देशों ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत एक रणनीतिक साझेदारी भी बनाई थी।
भारत अब नामीबिया और अफ्रीकी देशों को यह दिखाना चाहता है कि विकास, तकनीक और साझेदारी का एक भरोसेमंद विकल्प भी है—जो बिना किसी दबाव के आपसी सहयोग पर आधारित है।