न्यूयॉर्क: दुनिया भर में एड्स (AIDS) से जुड़ी मौतें भले ही 2004 के बाद से सबसे कम स्तर पर पहुंच गई हों, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (UN) ने एक बार फिर गंभीर चेतावनी दी है — हर मिनट एक व्यक्ति अब भी एड्स से जान गंवा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की डिप्टी सेक्रेटरी जनरल आमीना मोहम्मद ने गुरुवार को बताया कि अगर अभी भी दुनिया ने चेतावनी नहीं ली, तो अब तक की सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। उन्होंने कहा, “ग्लोबल कमिटमेंट कम हो रहा है, फंडिंग घट रही है, और एचआईवी (HIV) सेवाएं बुरी तरह बाधित हो रही हैं।”
फंडिंग कटौती से संकट गहराया
UN ने बताया कि एड्स से लड़ने के लिए जो फंडिंग मिल रही थी, उसमें अब भारी कटौती हो रही है। खासतौर पर अमेरिका का PEPFAR प्रोग्राम, जो अफ्रीका में HIV के खिलाफ अहम भूमिका निभा रहा था, अब फंडिंग संकट में है।
अगर यही स्थिति रही तो 2029 तक करीब 40 लाख अतिरिक्त लोगों की मौत हो सकती है और 60 लाख से ज्यादा नए HIV केस सामने आ सकते हैं।
इलाज के लिए पैसे नहीं, क्लीनिक बंद हो रहे
आमीना मोहम्मद ने बताया कि कई देशों में क्लीनिक बंद हो रहे हैं, दवाएं खत्म हो रही हैं और सबसे ज्यादा खतरा युवतियों और किशोर लड़कियों पर है, जो पहले से ही कमजोर स्थिति में हैं।
सब-सहारा अफ्रीकी देशों में तो हालात और भी खराब हैं, जहां सरकारें कर्ज चुकाने में स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा खर्च कर रही हैं। इसलिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मदद, टैक्स सुधार और कर्ज माफी की जरूरत बताई।
मानवाधिकारों पर हमला, स्टिग्मा बढ़ा
उन्होंने यह भी कहा कि कई देशों में LGBTQ+ समुदाय, सेक्स वर्कर्स और अन्य हाशिए पर मौजूद समूहों के खिलाफ सख्त कानून और हिंसा, लोगों को इलाज से दूर कर रही है।
“स्वास्थ्य की रक्षा का मतलब है मानवाधिकारों की रक्षा,” उन्होंने कहा।
2030 तक AIDS खत्म करना मुमकिन, पर गारंटी नहीं
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 2030 तक एड्स खत्म करना अब भी मुमकिन है, लेकिन इसके लिए तुरंत और मिलकर काम करना होगा।
“एड्स का अंत कोई रहस्य नहीं है,” आमीना मोहम्मद ने कहा। “लेकिन अगर हमने अभी कदम नहीं उठाए, तो ये सफलता हाथ से फिसल सकती है।”