नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले हफ्ते अचानक बढ़े तनाव के बाद अब हालात में थोड़ी नरमी आई है। दरअसल, 9 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास स्थित नूर खान एयरबेस पर एक सटीक मिसाइल हमला किया, जिसने इस्लामाबाद में खलबली मचा दी। माना जा रहा है कि यह हमला पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड सिस्टम को लेकर गंभीर चिंता की वजह बना।
यह एयरबेस पाकिस्तान के स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिविज़न के काफी करीब है — वही इकाई जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की देखरेख करती है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान को यह डर सताने लगा था कि भारत कहीं उसके न्यूक्लियर कमांड पर ‘डिकैपिटेशन स्ट्राइक’ न कर दे। इस हमले को नई दिल्ली की तरफ से एक सख्त चेतावनी के रूप में देखा गया, जिससे अमेरिका और खाड़ी देशों में भी चिंता फैल गई और तत्काल राजनयिक प्रयास शुरू हुए।
यह हमला ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा था, जो भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था। उस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी। ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था।
हालात बिगड़ने से रोकने के लिए शनिवार को एक संवेदनशील सीज़फायर समझौता हुआ। यह पाकिस्तान के औपचारिक अनुरोध और बैकचैनल कूटनीति के बाद संभव हुआ। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अमेरिका का धन्यवाद किया, भारत ने साफ कर दिया कि यह सीज़फायर पूरी तरह द्विपक्षीय बातचीत से हुआ, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता से।
अब स्थिति को और स्थिर करने के लिए भारत और पाकिस्तान के सेना संचालन महानिदेशक (DGMO) सोमवार को दोपहर 12 बजे हॉटलाइन पर बातचीत करेंगे। चर्चा का फोकस नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हालात की समीक्षा पर रहेगा, जहां बीते दिनों में भारी सैन्य हलचल देखी गई।
DGMO स्तर की इस बातचीत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की। इस बैठक में भारत की रणनीतिक तैयारी और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा हुई।
इस बीच पाकिस्तान में खुफिया एजेंसियों ने इस बात की आशंका जताई है कि भारत इस्लामाबाद पर और हमले कर सकता है, जिससे वहां रणनीतिक ठिकानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। फिलहाल सीज़फायर लागू है, लेकिन दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और विशेषज्ञ इसे ‘बेहद नाज़ुक स्थिति’ मान रहे हैं।
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