इस्लामाबाद: भारत को टुकड़ों में बांटने की धमकी देने वाला जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का टॉप कमांडर मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर पाकिस्तान के बहावलपुर में 2 जून को रहस्यमय हालात में मृत पाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल की मौत को लेकर जैश के सदस्यों ने दावा किया है कि उसे दिल का दौरा पड़ा, लेकिन पाकिस्तानी पुलिस ने अब तक मौत का कारण सार्वजनिक नहीं किया है।
जैश के मुख्यालय में दफनाया गया
अब्दुल अज़ीज़ को जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय (मरकज़) में चुपचाप दफना दिया गया। न तो पाकिस्तानी सरकार ने और न ही सेना ने उसकी मौत पर कोई बयान दिया है, जिससे इस पूरी घटना को लेकर और ज्यादा संदेह गहराता जा रहा है।
भारत को दी थी खुलेआम धमकी
कुछ हफ्ते पहले ही अब्दुल ने जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी। इसके अलावा, भारत द्वारा की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उसने भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने की धमकी भी दी थी।
वह ग़ज़वा-ए-हिंद का भी कट्टर समर्थक था — एक विवादित इस्लामी विचारधारा, जिसके तहत भारत में एक ‘पवित्र युद्ध’ के ज़रिए इस्लामी शासन स्थापित करने की बात कही जाती है। उसने एक वीडियो में कहा था कि “भारत का हश्र सोवियत यूनियन जैसा होगा।”
दूसरी रहस्यमयी मौत
अब्दुल की मौत से ठीक दो हफ्ते पहले, पाकिस्तान के सिंध में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का टॉप आतंकी सैफुल्लाह खालिद भी अज्ञात हमलावरों द्वारा मारा गया था। इन दोनों टॉप आतंकियों की रहस्यमयी मौत ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या ऑपरेशन सिंदूर का असर है?
भारत ने 6-7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। भारत सरकार का दावा है कि इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
अब जब पाकिस्तान में आतंकियों की लगातार रहस्यमय मौतें हो रही हैं, तो सवाल उठ रहे हैं — क्या भारत की कार्रवाई का असर दिख रहा है, या फिर पाकिस्तान खुद अपने पाले हुए आतंकियों को खत्म कर रहा है?
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