अगर आपको लगता है कि दिल (Heart) की बीमारी सिर्फ खानपान या उम्र की वजह से होती है, तो यह खबर चौंकाने वाली है। नई रिसर्च बताती है कि आर्थिक तनाव (Financial Stress) और खाने की कमी (Food Insecurity) दिल को शरीर की उम्र से कहीं ज़्यादा तेज़ी से बूढ़ा बना रही है।
यह अध्ययन प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल Mayo Clinic Proceedings में प्रकाशित हुआ है और इसे Mayo Clinic के वैज्ञानिकों ने किया है।
दिल की उम्र कैसे मापी गई?
शोधकर्ताओं ने 2018 से 2023 के बीच इलाज के लिए आए 2.8 लाख से अधिक वयस्क मरीजों का डेटा देखा।
उन्होंने एक खास AI आधारित ECG तकनीक से दिल की “जैविक उम्र” (Cardiac Age) निकाली और उसे असली उम्र से तुलना की।
अगर दिल की उम्र ज़्यादा निकली, तो इसका मतलब है—
➡️ भविष्य में हार्ट अटैक और दिल की बीमारी का खतरा ज़्यादा।
पैसे और पेट की चिंता सबसे बड़ा कारण
स्टडी में पाया गया कि:
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आर्थिक तंगी (Financial Stress)
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खाने की असुरक्षा (Food Insecurity)
ये दोनों दिल को तेज़ी से बूढ़ा करने वाले सबसे बड़े कारण हैं—
यह असर पुरुषों और महिलाओं, दोनों में साफ दिखा।
कई मामलों में ये सामाजिक समस्याएं
कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर जैसे पारंपरिक जोखिमों से भी ज़्यादा खतरनाक साबित हुईं।

डॉक्टर क्या कहते हैं?
इस रिसर्च के प्रमुख लेखक Amir Lerman कहते हैं—
“हम अक्सर मरीजों से उनके पैसों, तनाव या खाने की चिंता के बारे में नहीं पूछते,
जबकि यही बातें दिल की उम्र बढ़ा सकती हैं।
अच्छी बात यह है कि इन कारणों को समय रहते बदला जा सकता है।”
क्यों है यह रिसर्च अहम?
अमेरिका में 2050 तक
65 साल से ऊपर की आबादी 8.2 करोड़ तक पहुंचने वाली है।
इसलिए अब डॉक्टर सिर्फ लंबी उम्र नहीं, बल्कि
स्वस्थ और बेहतर जीवन पर ध्यान दे रहे हैं।
यह अध्ययन साफ संकेत देता है कि
- दिल की सेहत सिर्फ दवाइयों से नहीं,
सामाजिक और आर्थिक हालात सुधारने से भी जुड़ी है। - सीधा संदेश
अगर आप लगातार पैसों की चिंता में रहते हैं या सही खाना नहीं मिल पा रहा—
तो इसका असर सीधे आपके दिल पर पड़ सकता है।
दिल को जवान रखना है, तो तनाव घटाना भी इलाज का हिस्सा बनाना होगा।

