आशिष सिन्हा
चीन में ह्यूमन मेटाप्न्युमोवायरस (HMPV) के फैलने से चिंता बढ़ गई है, लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञ घबराने की बजाय सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद अब चीन में इस वायरस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। सोशल मीडिया और रिपोर्टों के अनुसार, अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है और शवदाह गृहों पर दबाव बढ़ गया है। कुछ उपयोगकर्ता यह भी दावा कर रहे हैं कि कई वायरस जैसे इन्फ्लुएंजा A, HMPV, मायकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 एक साथ फैल रहे हैं, हालांकि, इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
HMPV एक श्वसन वायरस है जो आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है, और कभी-कभी यह निचले श्वसन तंत्र पर भी प्रभाव डाल सकता है। यह सर्दियों और शुरुआती वसंत में अधिक आम होता है। इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बहना, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से खांसी, छींक या व्यक्तिगत संपर्क से फैलता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV से बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इस वायरस के कारण ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा या सीओपीडी का फ्लेयर-अप और कान में संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
चूंकि HMPV के लिए कोई विशेष एंटीवायरल उपचार या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए बचाव ही सबसे प्रभावी तरीका है। डॉक्टर हाथों को बार-बार धोने, खांसी या छींकते वक्त मुँह और नाक ढकने, मास्क पहनने और बीमार लोगों से संपर्क न करने की सलाह दे रहे हैं।
हालांकि, भारत के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि HMPV के फैलने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। उनका कहना था कि यह वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह ही है और केवल वृद्धों और बच्चों में यह अधिक गंभीर हो सकता है। डॉ. गोयल ने यह भी कहा कि दिसंबर 2024 में भारत में इस वायरस के मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है और अस्पताल इसके लिए तैयार हैं।
चीन में इस वायरस के फैलने से दुनियाभर में डर की लहर फैल गई है, लेकिन चीन ने कहा है कि उसने COVID-19 और HMPV से जुड़ी जानकारी पूरी तरह से साझा की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, बस सामान्य श्वसन संबंधित सावधानियाँ अपनानी चाहिए।