नई दिल्ली: कैबिनेट की अपॉइंटमेंट्स कमेटी (ACC) ने खान मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए श्री संजीव कुमार सिंह को हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) का चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) नियुक्त किया है। श्री सिंह, जो वर्तमान में HCL में डायरेक्टर (माइनिंग) के पद पर कार्यरत थे, खनन क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक के शानदार करियर का अनुभव रखते हैं।
प्रसिद्ध इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद के एलुम्नस, श्री सिंह ने 1987 में बी.टेक और 1987-89 के दौरान ओपन कास्ट माइन प्लानिंग में एम.टेक की डिग्री प्राप्त की है।
उन्होंने 1987 में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL), रांची में जूनियर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के रूप में अपना पेशेवर सफर शुरू किया। अपनी असाधारण विशेषज्ञता और नेतृत्व कौशल के बल पर, वे 1988 में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बने और 1992 में सीनियर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद तक पहुंचे। CIL में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने रांची और नागपुर सहित विभिन्न स्थानों पर सेवाएँ दीं, और 2004 में वहां से विदा ली।
मार्च 2008 में, श्री सिंह ने एनटीपीसी में सीनियर मैनेजर (माइनिंग) के रूप में उत्तर प्रदेश में योगदान दिया, जहाँ उन्होंने खनन संचालन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2012 में उन्हें एडिशनल जनरल मैनेजर (माइनिंग) के पद पर प्रमोशन मिला, जिसे उन्होंने नौ वर्षों तक संभाला, और फिर जनवरी 2022 में जनरल मैनेजर बने। एनटीपीसी में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने माइनिंग स्ट्रैटेजी, लागत अनुकूलन और परिचालन उत्कृष्टता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मार्च 2022 में, उन्होंने HCL में डायरेक्टर (माइनिंग) का पदभार ग्रहण किया, जहाँ उन्होंने निष्क्रिय खानों को पुनर्जीवित करने और दक्षता व स्थिरता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने में अहम भूमिका निभाई।
अपनी खुशी व्यक्त करते हुए, PAN IIT एलुम्नाई के जनरल सेक्रेटरी, श्री अशोक कुमार ने कहा, “श्री संजीव कुमार सिंह की HCL के CMD के रूप में नियुक्ति, IIT (ISM) धनबाद के लिए गर्व का क्षण है। उनका नेतृत्व हमारे संस्थान द्वारा प्रदान की गई उत्कृष्टता को दर्शाता है, जो अगले वर्ष अपनी शताब्दी मनाने जा रहा है।”
श्री सिंह की CMD के रूप में नियुक्ति उनके असाधारण अनुभव, तकनीकी विशेषज्ञता और भारत के खनन उद्योग के लिए रणनीतिक दृष्टि को दर्शाती है। उनके नेतृत्व में, HCL के परिचालन क्षमताओं को और अधिक मजबूती मिलेगी और इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।