नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में इज़ाफा देखने को मिला है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1,009 तक पहुंच गई है। इस बढ़ोतरी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से सतर्क रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की है।
दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां कुल 430 मामले सामने आए हैं, जिनमें 104 सक्रिय मामले हैं। इसके बाद केरल में 335 और महाराष्ट्र में 209 मामले दर्ज किए गए हैं। गुजरात (83), तमिलनाडु (69), कर्नाटक (47), उत्तर प्रदेश (15) और राजस्थान (13) में भी मामले बढ़े हैं।
19 मई से अब तक देश में सात कोरोना से जुड़ी मौतें दर्ज हुई हैं—महाराष्ट्र में तीन, केरल में दो और कर्नाटक में एक मौत हुई है।
हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों को मास्क पहनने, हाथ धोने और भीड़भाड़ से बचने जैसे कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाने की सलाह दी गई है। राज्यों को विशेष रूप से सर्दी-जुकाम और सांस की दिक्कत (ILI और SARI) वाले मरीजों की टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बीच कुछ राज्यों में एक नया कोरोना वैरिएंट NB.1.8.1 भी सामने आया है। INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, इस वैरिएंट का एक मामला तमिलनाडु में अप्रैल में मिला था, जबकि LF.7 नामक एक और वैरिएंट के चार मामले मई में गुजरात में सामने आए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 और LF.7 दोनों को फिलहाल “Variants Under Monitoring” की श्रेणी में रखा है, यानी इन पर निगरानी रखी जा रही है, लेकिन ये अभी “Variants of Concern” या “Variants of Interest” नहीं माने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि एशिया के कुछ हिस्सों और चीन में केस बढ़ने की वजह यही वैरिएंट हो सकते हैं।
फिलहाल भारत में सबसे आम वैरिएंट JN.1 है, जो 53% मामलों के लिए ज़िम्मेदार है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और फिलहाल डरने की कोई बात नहीं है, लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है।