नई दिल्ली – ‘अग्निपथ योजना’ के तहत भर्ती हुए करीब 3,000 अग्निवीरों ने हाल ही में चले ऑपरेशन सिंदूर में भारत की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। ये युवा सैनिक, जिनकी उम्र लगभग 20 साल है, पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोन हमलों से भारत की सैन्य ठिकानों की रक्षा के लिए सबसे आगे खड़े रहे।
चार दिनों तक चले इस जवाबी सैन्य ऑपरेशन के दौरान, अग्निवीरों ने न सिर्फ मोर्चा संभाला बल्कि कई आधुनिक हथियार और तकनीकी उपकरणों को भी बखूबी संचालित किया। एयर डिफेंस यूनिट्स में तैनात करीब 200 अग्निवीरों ने ‘आकाशतीर’ सिस्टम को ऑपरेट किया, जो इस ऑपरेशन में भारत का सबसे मजबूत जवाब साबित हुआ।
इन युवाओं ने पैचोरा, शील्का, ओसा-AK, स्त्रेला, और तुंगुस्का जैसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ मीडियम रेंज सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम का भी सफलतापूर्वक संचालन किया। इसके अलावा, वे गनर्स, फायर कंट्रोल ऑपरेटर, रेडियो ऑपरेटर, और भारी गाड़ियों के ड्राइवर के तौर पर भी सक्रिय रहे।
अग्निवीरों ने रडार और कम्युनिकेशन नेटवर्क चलाने से लेकर मिसाइल ले जाने और दागने वाले वाहनों तक को संभाला। उन्होंने कंधे से दागे जाने वाले मिसाइलों से दुश्मन के टारगेट्स को भी सफलतापूर्वक खत्म किया।
रक्षा अधिकारियों ने अग्निवीरों की हिम्मत, प्रशिक्षण और तकनीकी कौशल की सराहना की है। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी सक्रिय भागीदारी यह दिखाती है कि अग्निपथ योजना के तहत तैयार किया गया युवा बल अब भारतीय सेना की एक मजबूत रीढ़ बनता जा रहा है।