बोधिवृक्ष पर कीटों की आहट, वैज्ञानिकों ने किया रक्षात्मक इलाज

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गया: देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (FRI) के वैज्ञानिकों की एक टीम सोमवार को बोधगया पहुंची। डॉ. संतन भारथवाल और डॉ. शैलेश पांडे के नेतृत्व में टीम ने मंगलवार को महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित पवित्र बोधिवृक्ष की नियमित स्वास्थ्य जांच की।

जांच के दौरान वैज्ञानिकों ने बताया कि बोधिवृक्ष पूरी तरह से स्वस्थ है। पेड़ की पत्तियां हरी-भरी हैं और तने में भी किसी तरह की कोई बीमारी या कमजोरी नहीं पाई गई।

हालांकि, मानसून की शुरुआत में आमतौर पर होने वाले कीटों में से कुछ शाखाओं पर मामूली मेलीबग (mealybug) का असर देखा गया। इसके इलाज के लिए वैज्ञानिकों की देखरेख में कीटनाशक का छिड़काव किया गया। साथ ही एहतियात के तौर पर हल्की दवा से उपचार भी किया गया।

एक सूखी और संक्रमित शाखा को भी वैज्ञानिकों की निगरानी में काटा गया, ताकि यह बाकी स्वस्थ हिस्सों को नुकसान न पहुंचाए। इसके साथ ही कुछ कमजोर और मरी हुई टहनियों की छंटाई भी की गई।

यह निरीक्षण इस बात का प्रतीक है कि बोधिवृक्ष जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के वृक्षों की नियमित देखभाल और संरक्षण को गंभीरता से लिया जा रहा है।

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