नासा ने चांद पर मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने के लिए एथेना लैंडर लॉन्च किया

नासा ने 26 फरवरी को, एथेना लैंडर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो चांद की सतह पर मोबाइल कनेक्टिविटी स्थापित करेगा। यह मिशन इंट्यूटिव मशीन के IM-2 प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो नोकिया द्वारा विकसित लूनर सरफेस कम्युनिकेशन सिस्टम (LSCS) को चांद पर स्थापित करेगा। इस नेटवर्क में वही सेलुलर तकनीक इस्तेमाल की जाएगी, जो पृथ्वी पर काम करती है।

यह मोबाइल नेटवर्क लैंडर और अन्य वाहनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे हाई-डेफिनिशन वीडियो स्ट्रीमिंग, कमांड एंड कंट्रोल कम्युनिकेशन और टेलीमेट्री डेटा ट्रांसमिट होगा। नोकिया बेल लैब्स के अध्यक्ष थियरी क्लाइन ने बताया कि यह नेटवर्क चांद के कठोर वातावरण, जैसे रेडिएशन, अत्यधिक तापमान और कंपन को सहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस नेटवर्क के सभी घटक एक “नेटवर्क इन ए बॉक्स” में रखे गए हैं, जिसमें एंटीना और पावर स्रोत को छोड़कर हर चीज शामिल है।

इस मिशन में दो लूनर मोबिलिटी वाहन शामिल हैं: इंट्यूटिव मशीन का माइक्रो-नोवा हॉपर्स और लूना ऑउटपोस्ट का मोबाइल ऑटोनोमस प्रोस्पेक्टिंग प्लेटफार्म (MAPP) रोवर। ये दोनों वाहन चांद की सतह पर नेटवर्क से कनेक्ट करेंगे। हालांकि, यह नेटवर्क केवल कुछ दिनों तक काम करेगा क्योंकि चांद पर रातें बहुत लंबी होती हैं।

यह मिशन भविष्य में चांद पर होने वाले अन्य अभियानों, जैसे नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो 2028 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर वापस भेजने की योजना बना रहा है। नोकिया भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उनके स्पेससूट में भी सेलुलर कम्युनिकेशन सिस्टम को इंटेग्रेट करने पर काम कर रहा है।

इसके अलावा, नासा पोलर रिसोर्सेज आइस माइनिंग एक्सपेरिमेंट 1 (PRIME-1) भी कर रहा है, जिसका उद्देश्य चांद की सतह से रिगोलिथ (मूल खनिज) का अध्ययन करना और भविष्य के मिशनों के लिए संसाधनों का पता लगाना है। हालांकि इस नेटवर्क को लेकर कुछ आलोचनाएं भी उठी हैं। कुछ विशेषज्ञों, जैसे क्रिस डे प्री (नेशनल रेडियो एट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी) ने चांद पर स्थापित मोबाइल नेटवर्क से रेडियो एट्रोनॉमी को होने वाली संभावित दखलअंदाजी की चिंता जताई है। इस नेटवर्क के लिए नोकिया को एक विशेष वॉइवर मिला है, लेकिन भविष्य में इसके लिए वैकल्पिक आवृत्तियों पर विचार किया जा रहा है।

जैसे-जैसे चांद पर इंसान अधिक बार जाएगा, ऐसे नेटवर्क की तरह की तकनीक भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। चांद पर नेटवर्क और संसाधनों के अध्ययन से भविष्य में मंगल और उससे आगे के मिशनों के लिए रास्ता खुल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *