इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 20 जून: पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए माना है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए हवाई हमलों के बाद इस्लामाबाद ने नई दिल्ली से सीजफायर (युद्धविराम) की गुहार लगाई थी।
डार के मुताबिक, 6 और 7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के नूर खान और शोरकोट एयरबेस पर हमला किया, जब पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई की तैयारी ही कर रहा था। उन्होंने माना कि भारत ने पहले हमला किया और पाकिस्तान को पूरी तरह चौंका दिया।
Pakistani Dy PM Ishaq Dar admits
>it went begging to Saudi and US that Pakistan was ready to stop! So Pak surrendered not Bharat..
>Pakistan admits Nur Khan & other bases were hit hard by India.. so Op Sindoor was not Chut Put or a failure or surrender
So let’s put it… pic.twitter.com/8t6XoR2qXK
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) June 19, 2025
हमले के सिर्फ 45 मिनट के भीतर, सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल ने पाकिस्तान की तरफ से भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क किया और आगे की कार्रवाई रोकने की अपील की।
डार का यह बयान पाकिस्तान सरकार की पहले की बयानबाजी के उलट है, जिसमें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सैन्य अधिकारियों ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत को करारा जवाब दिया।
डार ने साफ तौर पर माना कि पाकिस्तान ने भारत से सीमा पार हमले रोकने के लिए मदद मांगी थी, क्योंकि भारत की कार्रवाई “सटीक, सीमित और गैर-उकसाने वाली” थी।
भारत का ऑपरेशन सिंदूर दरअसल पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। भारत ने जवाब में 6-7 मई की रात तीनों सेनाओं के साथ मिलकर पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में भारत ने SCALP क्रूज मिसाइल, HAMMER बम, लोइटरिंग म्यूनिशन और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया और लगभग 70 से 100 आतंकियों को मार गिराया, साथ ही लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के अड्डों को तबाह कर दिया।
खास बात यह है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी कुछ दिन पहले माना था कि भारत ने रावलपिंडी एयरपोर्ट सहित कई ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइल हमले किए।
“ऑपरेशन सिंदूर” नाम इसलिए चुना गया क्योंकि पहलगाम में जिन महिलाओं के सामने उनके पतियों को मार दिया गया, भारत सरकार ने उस दर्द का जवाब सिंदूर के प्रतीकात्मक नाम से दिया — यह एक नारी सम्मान और जवाबी साहस का प्रतीक बन गया।
भारत ने यह दिखा दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर हमले का सटीक और समयबद्ध जवाब देने के लिए तैयार है।