# 8 करोड़ महिलाओं और 2 करोड़ बच्चों के जीवन में बुनियादी स्तर पर बदलाव लाना नंद घर का लक्ष्य
जेएनएस। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ), ने पिछले सप्ताह बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर, अगले एक वर्ष में उत्तरप्रदेश में 500 नंद घर स्थापित करने की घोषणा की है। इस साझेदारी के पहले चरण में अमेठी और वाराणसी जिलों में नए केंद्रों की स्थापना होगी। यहां नंद घर परियोजना के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन संयुक्त रूप से आर्थिक सहयोग करेगा। अध्ययन के अनुसार देश में संचालित नंद घरों में प्रवेश लेने वाले 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्वस्थ पाए गये है एवं कुपोषित नही है।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने “उत्तर प्रदेश में नंद घर परियोजना हेेतु बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हम महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी परिणामों में सुधार पर ध्यान देने के साथ ही संयुक्त रूप से यहां 500 नंद घर विकसित करेंगे। नंद घर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर आंगनवाडियों के सर्वागींण विकास एवं सुनिश्चित बदलाव की पहल है जहां पोषण पर प्रमुखता से ध्यान दिया जा रहा है। ”
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की पहल नंद घर वर्तमान में सात राज्यों में संचालित है एवं बिहार में सामाजिक प्रभाव परियोजना के रूप में इसे लागू करने की योजना है। अनिल अग्रवाल द्वारा अपनी संपत्ती का 75 प्रतिशत मानवता हेतु, और विशेष कर महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को खत्म करने के लिए खर्च करने की घोषणा की गयी है। इन दोनो समाजसेवी संगठनों के बीच सहयोग से स्वास्थ्य और पोषण परिणामों में सुधार के लिए नंद घर के बुनियादी ढांचे और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ सुविधाओं का सर्वोत्तम कार्यान्वयन शामिल होगा। इसका लक्ष्य उत्तर प्रदेश के चिन्हित जिलों में नंद घरों में बदलाव लाना है।
बिल गेट्स ने इस पहल के बारे में कहा कि ‘‘नंद घर भारत के स्वास्थ्य और विकास के लक्ष्यों को सार्थक तरीके से आगे बढ़ा रहा है, और मुझे लगता है कि हम मिलकर उन्हें और भी तेजी से आगे बढ़ाएंगे। ”
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति जुबिन ईरानी, ने कहा कि “भारत सरकार हर बच्चे के लिए स्वस्थ और सुपोषित जीवन को सक्षम बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। कुपोषण को कम करने के लिए बीएमजीएफ और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की साझेदारी निश्चित रूप से एक स्थायी प्रभाव डालेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुपोषित भारत के दृष्टिकोण को और मजबूत करेगी।‘‘
नंद घर की शुरूआत वर्ष 2015 में हुई है एवं अब तक 1700 से अधिक केंद्रों में सफलतापूर्वक संचालन के साथ, यह परियोजना 7 राज्यों राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कार्यरत है। नंद घर का लक्ष्य 8 करोड़ महिलाओं और 2 करोड़ बच्चों के जीवन में बुनियादी स्तर पर बदलाव लाना है ।