अरुण पाठक
बोकारो : अखिल भारतीय साहित्य परिषद, बोकारो द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर 2ए संगोष्ठी सह कवि गोष्ठी आयोजित की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगन्नाथ शाही ने कहा कि संघ के कार्यकर्ता घर-घर प्रवास कर जन-जन को राष्ट्रहित में जोड़ने का प्रयत्न कर रहे हैं। आज संघ पञ्च परिवर्तन को प्रत्येक जन- मन में राष्ट्रहित में सकारात्मक भाव जागरण करने को ठाना है। आज संघ राष्ट्र सर्वोपरि को उद्देश्य मन कर प्रत्येक जन के मन में राष्ट्रहित में सकारात्मक भाव भरने को ठाना है। इसमें स्व का बोध देश की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है पहले स्व का बोध हो फिर आत्मबोध हो फिर समाज बोध हो कुटुंब प्रबोधन हो और जब ऐसा होगा तो राष्ट्र का बोध स्वतः उत्पन्न हो जाएगा। भारत की संतान अमृत की संतान होती है जो कभी भी समाप्त नहीं होने वाली है। छोटे-छोटे थपेड़ों से रोम, मिश्र और यूनान सब मिट गए परंतु भारत आज भी सीना ताने हुए खड़ा है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री पवन पुत्र बादल जी ने कहा कि साहित्य समाज के लिए जिस जिस चीज की आवश्यकता होती है वह सब करता है। ऋग्वेद विश्व का प्राचीनतम साहित्य है जो समाज में न्यूनता को समाप्त करता है महानता को उत्पन्न करता है। दीप प्रज्ज्वलन तथा अतिथियों का सम्मान कार्यक्रम के बाद प्रांत के कोने-कोने से आए साहित्यकारों और कवियों का स्वागत करते हुए बोकारो जिला के परिषद के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र कुमार राय ने कहा साहित्य समाज और राष्ट्र की दिशा तय करता है। चंद वरदाई ने अपने काव्य के माध्यम से पृथ्वीराज चौहान के शत्रु का वध करा दिया जब-जब राजनीति डगमगाती है तो साहित्य ही उसका संबल होता है।
दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता बैजनाथ सिंह ने कहा कि साहित्य राष्ट्र को सर्वोत्तम शिखर पर पहुंचा सकता है यदि वह राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर लिखा जाए। क्षेत्रीय भाषा के कवि शिरोमणि राम महतो, डॉ मुकुंद रविदास, अमन कुमार झा, डॉ सत्यदेव तिवारी, डॉ श्याम कुंवर भारती, डॉ नागेश्वर महतो, डॉ बासु बिहारी, डॉ शिव कुमार डांगी , महादेव डुंगरियार आदि क्षेत्रीय भाषा के कवियों को सम्मानित किया गया। बाद में प्रांत के कोने-कोने से आए हुए कवियों और साहित्यकारों ने अपनी अपनी कविता का पाठ किया तथा सबको अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में गीता कुमारी, कनकलता राय, अमृता शर्मा, करुणा कलिका, अरुण पाठक, नीलम झा, अंकित उपाध्याय, ज्योति वर्मा, कस्तूरी सिन्हा, रेणुका सिन्हा, गंगेश पाठक, डॉ उमाशंकर प्रसाद, विनय तिवारी, रजत सिन्हा, डॉ आशा पुष्प, ज्योतिर्मय डे राणा, दीनानाथ, विजय कुमार भारती, कल्पना केशर, रिंकू गिरि, ब्रह्मानंद गोस्वामी, डॉ रवि शंकर शाह, के के कमलेंदु, विजय प्रसाद शुक्ला, डॉ के दी शरद, डॉ किरण कुमारी, डॉ अरविंद कुमार, डॉ विनोद कुमार, वेंकटेश शर्मा आदि ने कविता पाठ किया।अध्यक्षीय भाषण परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार सिंह ने दिया तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन कस्तूरी सिन्हा ने किया।