पहलगाम: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसरन इलाके में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद जांच एजेंसी एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी और आतंकियों ने इसमें चीन की तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल किया।
इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जो कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है। एनआईए और खुफिया एजेंसियों को शुरुआती जांच में पता चला है कि आतंकियों ने चीनी सैटेलाइट फोन और प्रतिबंधित मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल कर हमला किया और पाकिस्तान में मौजूद अपने हैंडलर्स से संपर्क में बने रहे।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों के पास एक सैटेलाइट फोन था, जो चीनी कंपनी हुआवेई का बताया जा रहा है। इस फोन के जरिए वे भारतीय निगरानी तंत्र से बचते हुए संपर्क साध रहे थे। यह फोन संभवतः हुआवेई के सैटेलाइट सपोर्टेड स्मार्टफोन जैसे Mate 60 Pro या Nova 11 Ultra में से एक था, जो चीन के Tiantong-1 सैटेलाइट नेटवर्क पर काम करता है।
एनआईए की टीमें अब मौके पर सबूत जुटा रही हैं, लोकल लोगों और शक के दायरे में आए लोगों से पूछताछ की जा रही है। फॉरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर जांच तेज़ कर दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फोन या तो पाकिस्तान से भारत में तस्करी के जरिए आया या फिर किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय रूट से लाया गया।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल तेज़ हो गई है। चीन ने भले ही हमले की निंदा की है, लेकिन साथ ही उसने पाकिस्तान को समर्थन देने का भी संकेत दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री इशाक डार से बात करते हुए “निष्पक्ष जांच” की बात कही और भारत-पाक के बीच संयम बरतने की अपील की।
पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को “बेबुनियाद” बताते हुए खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी नेता डार ने कहा कि उनका देश आतंकवाद के खिलाफ है लेकिन वह भारत के “प्रचार” में नहीं फंसना चाहता।
चीन के भारत में राजदूत शू फेइहोंग ने सोशल मीडिया पर हमले की निंदा करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और कहा, “हम हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करते हैं।”
एनआईए आने वाले दिनों में अपनी शुरुआती रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है, जिसमें यह बताया जाएगा कि कैसे आतंकियों ने विदेशी तकनीक और नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को चकमा दिया।