नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 7 मई 2025 को देशभर के लगभग 300 स्थानों पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है। इसमें दिल्ली सहित पावर प्लांट्स, सैन्य ठिकानों, रिफाइनरी, हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम और अन्य महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं। यह बड़ा सुरक्षा अभ्यास 1971 के बाद पहली बार हो रहा है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था।
इस अभ्यास का मकसद है आम जनता को संभावित हवाई हमलों या आपात स्थितियों के लिए तैयार करना और महत्वपूर्ण ढांचों को सुरक्षा देना।
एयर रेड अलर्ट सिस्टम होगा सक्रिय
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे एयर रेड सायरन की व्यवस्था करें और नागरिकों को आत्म-सुरक्षा व आपातकालीन स्थिति में व्यवहारिक ट्रेनिंग दें। एयर रेड सिस्टम के चार स्तर हैं:
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एयर रेड मैसेज – येलो: दुश्मन के विमानों की संभावित हलचल का गोपनीय पूर्वानुमान।
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एयर रेड मैसेज – रेड: यह चेतावनी होती है कि दुश्मन विमान कुछ ही मिनटों में हमले कर सकते हैं।
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एयर रेड मैसेज – ग्रीन: खतरा टल गया है या विमान क्षेत्र छोड़ चुके हैं।
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एयर रेड मैसेज – व्हाइट: पहले भेजे गए येलो अलर्ट को रद्द करने वाला गोपनीय संदेश।
‘रेड’ अलर्ट के बाद सार्वजनिक स्थानों पर सायरन बजाए जाएंगे, ताकि लोग तुरंत शरण ले सकें।
ब्लैकआउट और रणनीतिक ढांचों की छिपाव व्यवस्था
ड्रिल के दौरान क्रैश ब्लैकआउट यानी सभी लाइट्स बंद करने का अभ्यास भी होगा। दस्तावेज़ में कहा गया है कि अंधेरे में दुश्मन के तेज रफ्तार विमान को निशाना साधना मुश्किल हो जाता है। लक्ष्य यह है कि सामान्य दृश्यता में 5,000 फीट की ऊंचाई से कोई रोशनी न दिखाई दे।
इसके अलावा, जल टंकियों, पावर स्टेशन, रेल यार्ड और टेलीकॉम टावर्स जैसे महत्वपूर्ण ढांचों को छिपाने का अभ्यास भी किया जाएगा। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे इन कार्यों में हस्तक्षेप न करें और न ही तस्वीरें या वीडियो साझा करें।
जनता की भूमिका और ट्रेनिंग
मॉक ड्रिल के दौरान आम लोगों को भी शामिल किया जाएगा:
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स्कूलों, दफ्तरों और रिहायशी इलाकों में इवैक्यूएशन (निकासी) का अभ्यास।
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बेसिक फर्स्ट एड, फायर फाइटिंग, और शरण लेने की ट्रेनिंग।
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बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की सहायता करना।
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कंट्रोल रूम और उनके बैकअप (शैडो रूम) की कार्यक्षमता की जांच।
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हॉटलाइन और रेडियो संचार की टेस्टिंग।
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बचाव और राहत दलों की तैयारियों का आकलन।
राजस्थान में IAF का युद्धाभ्यास
इसी दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के पास एक बड़ा सैन्य अभ्यास भी करेगी। एक NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) के अनुसार, यह युद्धाभ्यास बुधवार रात 9:30 बजे शुरू होकर लगभग पांच घंटे तक चलेगा। इस दौरान सीमावर्ती हवाई अड्डों से विमानों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी जाएगी।
यह अभ्यास देश की आंतरिक सुरक्षा और नागरिकों की तैयारी को नई दिशा देने वाला कदम है। युद्ध जैसी स्थितियों से निपटने के लिए ऐसी पूर्व-तैयारियां आज के समय की बड़ी आवश्यकता बन गई हैं।
अभ्यास के मुख्य उद्देश्य:
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सिविल डिफेंस तंत्र की तैयारियों का मूल्यांकन करना और उसे बेहतर बनाना।
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नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में क्या करना है, इसकी जानकारी देना और उन्हें आत्म-सुरक्षा की ट्रेनिंग देना।
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संकट के समय स्थानीय प्रशासन और आम जनता के बीच समन्वय को सुनिश्चित करना।
सिविल डिफेंस एक्शन प्लान (चरणबद्ध गतिविधियाँ):
1. एयर रेड चेतावनी सायरन
क्या होगा:
निर्धारित समय पर सायरन बजाया जाएगा ताकि हवाई हमले की स्थिति का अभ्यास किया जा सके।
क्या करें:
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तुरंत घर के अंदर शरण लें।
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खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहें।
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जब तक “सब ठीक है” का सायरन न सुना जाए, तब तक बाहर न निकलें।
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यदि वाहन चला रहे हों, तो सुरक्षित रूप से रुकें और संभव हो तो पास में कहीं अंदर शरण लें।
2. आत्म-सुरक्षा और जीवन रक्षा प्रशिक्षण
क्या होगा:
स्थानीय प्रशासन, स्कूलों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWA) द्वारा लाइव डेमो और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
क्या करें:
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धमाके या हमले के समय झुकें – ढकें – पकड़े रहें की मुद्रा सीखें।
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बच्चों को आपातकालीन उपाय और जरूरी नंबर सिखाएं।
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एक “गो-बैग” तैयार रखें, जिसमें ये चीज़ें होनी चाहिए:
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प्राथमिक चिकित्सा किट
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पीने का पानी
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टॉर्च और बैटरियां
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सूखा भोजन
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पहचान पत्र, दवाइयां और ज़रूरी संपर्क नंबर
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3. ब्लैकआउट अभ्यास
क्या होगा:
कुछ क्षेत्रों में अस्थायी बिजली कटौती की जाएगी।
क्या करें:
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निर्देश मिलने पर सभी घरेलू और बाहरी लाइटें बंद कर दें।
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खिड़कियों पर ब्लैकआउट पर्दे या मोटा कपड़ा लगाएं।
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बिना जरूरत मोबाइल स्क्रीन या टॉर्च जैसी तेज़ रोशनी का प्रयोग न करें।
4. अहम ढाँचों का छिपाव (कैमोफ्लाज) अभ्यास
क्या होगा:
पानी की टंकियों, पावर स्टेशन और मोबाइल टावर जैसे महत्वपूर्ण ढांचों को छिपाने (कैमोफ्लाज) का अभ्यास किया जाएगा।
क्या करें:
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प्रतिबंधित क्षेत्रों से दूर रहें और सरकारी कार्यों में बाधा न डालें।
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इन अभ्यासों की फोटो या वीडियो न लें और न ही साझा करें।
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समझें कि संकट के समय ऐसे ढांचों का छिपाव कितना ज़रूरी होता है।
5. निकासी योजना का अभ्यास
क्या होगा:
चयनित कॉलोनियों, स्कूलों और कार्यालयों में निकासी का पूर्वाभ्यास होगा।
क्या करें:
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अपने इलाके से बाहर निकलने का सबसे सुरक्षित और छोटा रास्ता जानें।
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समन्वयक या वार्डन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
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लिफ्ट का प्रयोग न करें, केवल सीढ़ियों का प्रयोग करें।
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बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजनों की सहायता करें।
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तय सुरक्षित स्थान पर शांतिपूर्वक इकट्ठा हों।
नागरिकों के लिए अतिरिक्त तैयारी सुझाव:
6. संचार और समन्वय
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मोबाइल फोन चार्ज रखें, लेकिन सिर्फ आपात स्थिति में ही उपयोग करें।
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ये महत्वपूर्ण नंबर सेव करें:
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स्थानीय पुलिस स्टेशन
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सिविल डिफेंस कंट्रोल रूम
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नजदीकी अस्पताल
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मोहल्ला स्तर पर एक वॉट्सऐप ग्रुप या समुदायिक प्रतिक्रिया दल बनाएं।
7. जानकारी में रहें, घबराएं नहीं
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यह एक अभ्यास है, असली आपातकाल नहीं।
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घबराएं नहीं, शांति से निर्देशों का पालन करें।
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सोशल मीडिया पर झूठी खबरें या वीडियो न फैलाएं।
8. स्कूल और कार्यालयों की भागीदारी
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अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजें और उन्हें भाग लेने के लिए प्रेरित करें।
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कार्यालय प्रबंधन कर्मचारियों को अभ्यास का समय और निकासी योजना बताएं।
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अलार्म सिस्टम, आपातकालीन निकास और कर्मचारी की तत्परता की जांच करें।
9. नागरिक स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण
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जो नागरिक सेवा में रुचि रखते हैं, वे स्थानीय सिविल डिफेंस इकाइयों में पंजीकरण कर सकते हैं।
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उन्हें निम्नलिखित बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा:
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प्राथमिक चिकित्सा
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भीड़ नियंत्रण
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आपात प्रतिक्रिया
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