आज है पितृ विसर्जन अमावस्या, नदी में किया गया श्राद्ध, तर्पण

 

धनबाद : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर आज पितृ विसर्जन है। इस तिथि को समस्त पितरों का विसर्जन होता है।

इस विधि से करें श्राद्ध, तर्पण

जिन पितरों की पुण्यतिथि अपने परिजनों को ज्ञात नहीं होता है या किसी कारणवश जिनका श्राद्ध तर्पण पृथ्वी पक्ष के 15 दिनों में नहीं हो पाता है वह उनका श्राद्ध तर्पण दान इसी अमावस्या में करते हैं। तर्पण करने से समस्त ब्रह्मांड का भी कल्याण होता है। बिना कुश पहने केवल हाथ से तर्पण नहीं करना चाहिए।

श्राद्ध कर्म में पूरी श्रद्धा से ब्राह्मणों को तो दान दिया ही जाता है साथ ही यदि किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता भी आप कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है।

इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए।

यदि संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो घर पर भी इसे किया जा सकता है। जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए। भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर भी उन्हें संतुष्ट करें।

श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए. योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें। इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए।

इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए. मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन करना चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *