धनबाद के बर्ड फोटोग्राफर ए के सहाय “पंक्षी राजन” के नाम से जाने जाते हैं 

चंदन पाल

धनबाद में ही रहने वाले SBI बैंक रिटायर्ड मैनेजर अखिलेश कुमार सहाय एक पक्षी फोटोग्राफर और प्रकृतिवादी हैं, जो देशव्यापी अभियान चला रहे हैं ताकि छात्रों में पंछियों एवं प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। उन्होंने धनबाद के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के अलावा आईआईटी चेन्नई और झारखंड के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं।उनकी कार्यशाला में पक्षियों की स्लाइड्स शो ,पक्षियों के महत्व तथा जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर एक संक्षिप्त चर्चा एवम क्विज शामिल होती है जिससे विद्यार्थियों के बीच पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़े और वह प्रकृति प्रेमी बने इसलिए ने धनबाद के “पंक्षी राजन” कहा जाता है।

उनके द्वारा खींची गई तस्वीरों का उन्होंने पुस्तक प्रकाशित किया, जिसे देश के राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भी भेंट किया। महामहिम ने उन्हें प्रोत्साहित किया और उस प्रोत्साहन से उन्होंने कई और पुस्तक प्रकाशित कर दी। अब तक ए. के. सहाय ने कुल सात पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं।

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दक्षिण एशिया के पक्षी विशेषज्ञ कैरोल इनस्किप ने भी उनके कार्य की प्रशंसा की जो कि उनके पुस्तकों में प्रकाशित है। अपने नौकरी जीवन में गोवा पोस्टिंग के दौरान उन्होंने वहां के पंछियों की फोटोग्राफी की और अभी हाल ही में ” बर्ड्स इन गोवा एंड एक्रॉस इंडिया ” पुस्तक प्रकाशित हुई।

सहाय का प्रकृति प्रेम इतना कि उन्होंने रिटायरमेंट के सारे पैसे लेटेस्ट कैमरा खरीदने, पक्षियों की फोटोग्राफी करने देश की यात्रा पर एवं पक्षियों पर पुस्तक प्रकाशित करने में खर्च कर दिए । देश में शायद ही वैसा कोई क्षेत्र हो जहां पंछी हो और सहाय जी ना गए हो।

उनके बाद यह कार्यक्रम समाप्त ना हों जाए इसलिए 2021 में पूरे भारत के प्रकृति और पक्षियों में रुचि रखने वाले युवाओं को लेकर इंडियन बर्डस फोटोग्राफर सोसाइटी (IBPS)बनाया। जो राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है और धनबाद में कार्य करने के लिए “धनबाद बर्डर्स ” नमक संस्था बनाया जिसमें अंकुश, हेमंत, पार्थ और जॉयदीप जैसे प्रतिभाशाली पंछी एवं प्रकृति प्रेमी मिले। “धनबाद बर्डर्स “व “आईबीपीएस” में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। उन्होंने सदस्यों के साथ धनबाद के विभिन्न स्थान जहां पंछी पाए जाते हैं जैसे मैथन डैम, भटिंडा फॉल्स, तोपचांची, टुंडी, बलियापुर जैसे जगहों में 100 से ज्यादा चिड़िया की फोटोग्राफी की व ” बर्ड्स इन धनबाद ” के नाम से पुस्तक प्रकाशित किए ।

सहाय ने बताया कि पंछियों एवं प्रकृति पर सात पुस्तक लिखने वाला मैं पहले भारतीय हूं।जब तक मैं जीवित हूं तब तक पंछी एवं प्रकृति के प्रति जागरूकता का कार्यक्रम जारी रहेगा मेरे बाद आईबीपीएस इस कार्य को देखेगी।

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