# गायक मुकेश की याद में सजी सुरों की मेहफिल
बोकारो : फिल्म संगीत के सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक मुकेश की याद में रविवार की शाम सेक्टर 12 बी में स्वरागिनी म्यूजिकल ग्रुप के तत्वावधान में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। गायक अरुण पाठक ने कहा कि मुकेश जी के गाए गीत आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। मुकेश जी के गाए हर तरह के गीत लोकप्रिय हुए लेकिन उनके गाए दर्द भरे नग्में लोगों को काफी पसंद हैं। शिक्षक व संगीत प्रेमी नीरज सिंह ने कहा कि मुकेश जी के गाए गीतों में दिल को छू लेने वाली बात है। उनके गाए गीतों में जो मिठास है वह अद्भुत है। गायक रमण चौधरी ने कहा कि मुकेश जी ने संख्या के हिसाब से कम गीत गाए हैं, उस हिसाब से लोकप्रियता में वे आगे हैं। रागिनी सिन्हा अंबष्ट व अलका श्रीवास्तव ने भी मुकेश जी के गीतों को बेमिसाल बताया।
अरुण पाठक ने मुकेश जी के गाए गीत ‘चंदन सा बदन, चंचल चितवन…’, ‘सजनवा बैरी हो गये हमार….’, ‘जाने कहां गए वो दिन….’, ‘दो कदम तुम ना चले…’, ‘ऐ सनम जिसने तुझे चांद सी सूरत दी है….’ की सुमधुर प्रस्तुति से समां बांध दिया। रमण चौधरी ने ‘आंसू भरी है ये जीवन की राहें…’, ‘चांद आहें भरेगा…’, ‘जीवन भर ढूंढ़ा जिसको…’ व ‘जिक्र होता है जब कयामत का…’ गीत प्रस्तुत कर मुकेश जी को याद किया।