ईएसएल स्टील की वाडी परियोजना में 200 एकड़ भूमि पर सफलतापूर्वक वृक्षारोपण – झारखंड के आदिवासी किसान लाभान्वित

# ईएसएल परिचालन क्षेत्रों के 200 आदिवासी परिवार अब तक लाभान्वित
# बागानों के विकास के लिए आम, अमरूद और इमारती लकड़ी के 25,000 पेड़ लगाए

बोकारो। 25 अक्टूबर 2021: ईएसएल स्टील की विशिष्ट वाडी परियोजना के तहत आदिवासी परिवारों के स्वामित्व की बंजर / सूखी जमीन पर कृषि कर्म के जरिये 200 एकड़ का बागान लगाने का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। ईएसएल वेदांता समूह की कंपनी और एक प्रमुख राष्ट्रीय इस्पात उत्पादक है जिसने ‘नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट’ (नाबार्ड) और ग्रामीण सेवा संघ (जीएसएस) के साथ मिलकर आम, अमरूद और इमारती लकड़ी के 25,000 पेड़ लगाए और अब तक 200 आदिवासी किसान परिवारों को इसका लाभ दिया है।

परियोजना के तहत किसानों को स्थायी कृषि व्यवस्था की जानकारी देने के साथ देश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के जीवन स्तर में सुधार और महिलाओं को सशक्त बनाने में भी मदद की जाएगी।

आने वाले समय में वाडी परियोजना का लक्ष्य 500 आदिवासी परिवारों को स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने की है जो मिट्टी और जल प्रबंधन, बागान विकास, बहुफसली कृषि और सिंचाई की सुविधा देने से संभव होगा। इसके अलावा यह परियोजना जलवायु, जैविक और विपणन के जोखिमों को कम करने में मदद करेगी।

ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीईओ एन.एल. वट्टे ने इस अवसर पर कहा, ‘‘वाडी परियोजना से कृषि क्षेत्र में आदिवासी परिवारों का रोजगार मजबूत हो रहा है और उनकी खाद्य और पोषण सुरक्षा भी बढ़ी है। परियोजना के तहत 200 एकड़ मंे बागान लगाने की बड़ी उपलब्धि देख बहुत संतुष्टि होती है। ईएसएल किसानों के प्रशिक्षण के लिए उनके ज्ञानवर्धक दौरे और सत्र आयोजन करती है ताकि वे लगातार बढ़ें और विकास करते रहें। यह परियोजना हमारा गौरव है जिसका मकसद अधिक से अधिक आदिवासी परिवारों तक पहुंचना और उनका उज्ज्वल भविष्य बनाना है। नाबार्ड और जीएसएस ने हमें मैं सहृदय समर्थन दिया है जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।’’

वाडी परियोजना इस साल की शुरुआत में लागू की गई। यह सीमांत किसानों को रणनीतिक रूप से चुनी दो फसलंे लगाने में मदद करती है। हर एक एकड़ भूमि पर खेती की फसलों के साथ फलदार पेड़ लगाए जा रहे हैं जो जलवायु, जैविक और विपणन के जोखिमों को कम करने में सहायक हैं।

डीडीएम, नाबार्ड, फिलमोन बिलुंग ने कहा, “वेदांत ईएसएल ने वाड़ी परियोजना के तहत सिंचाई सुविधाएं और अन्य मूल्यवान आजीविका मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए लाभार्थियों का समर्थन करने के लिए अपने सीएसआर घटक के तहत नाबार्ड के साथ खुद को जोड़ा है। मैं चास और चंदनकियारी ब्लॉक में वाडी परियोजना के कार्यान्वयन में सहयोग और समर्थन के लिए ईएसएल टीम की सराहना करता हूं। हम क्षेत्र की बड़ी आबादी को पूरा करने के लिए अन्य कौशल विकास कार्यक्रमों में उनके साथ फिर से काम करने की आशा करते हैं।”

बाग-आधारित गतिविधियों के साथ-साथ, वाड़ी परियोजना में कृषि-संबद्ध गतिविधियों जैसे पशुपालन और सूक्ष्म उद्यम विकास गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता भी शामिल है ताकि परियोजना के तहत बेहतर आय सृजन के लिए अधिक भूमिहीन आबादी को कवर किया जा सके। परियोजनाओं के अन्य घटकों में सिंचाई, भूमि विकास, समुदाय के कौशल/क्षमता विकास, महिलाओं, बच्चों और स्वास्थ्य विकास की व्यवस्था शामिल है। वाड़ी परियोजना का उद्देश्य 5 वें वर्ष से आदिवासी और गैर-आदिवासी परिवारों को बाग की उपज से स्थायी आजीविका प्रदान करना है।

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