काव्य महोत्सव 2019’ में हुई काव्यरस की बौछार

ks-apबोकारो। राष्ट्रीय कवि संगम, बोकारो महानगर इकाई के तत्वावधान में सेक्टर 6 स्थित क्रिसेंट पब्लिक स्कूल रविवार को कवियों के महाकुम्भ ‘बोकारो काव्य महोत्सव 2019’ का सफल आयोजन हुआ। इस आयोजन में झारखंड के विभिन्न जिलों रांची, रामगढ़, दुमका, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो सहित अन्य जिलों व बिहार से आए कवियों ने देशभक्ति सहित विभिन्न रसों की कविताएं प्रस्तुत कर सबको आकर्षित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि रौशन कुमार चतुर्वेदी, बिरेन्द्र प्रसाद, आयोजन अध्यक्ष अरुण पाठक, उपाध्यक्ष पूर्णेन्दु कुमार सिंह, संयोजक बृजेश बृजवासी, सचिव मोहित कालीदास, साहित्यकार सरोज झा, तुलानंद मिश्र, डॉ परमेश्वर भारती, डॉ बलराम दुबे, डॉ नर नारायण तिवारी, राम नारायण उपाध्याय, उषा झा, डॉ निरुपमा, नीता सहाय, कस्तूरी सिन्हा आदि ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कवि सम्मेलन की शुरुआत डॉ निरुपमा कुमारी ने सरस्वती वंदना सुनाकर की। तत्पश्चात् कथारा से पधारीं कल्पना झा न ‘सृष्टि की अमीर छाया, धरती करती है पुकार…’, कवयित्री क्रांति ने ‘मां’, अरुण पाठक ने मैथिली होली गीत-‘होली पावनि अछि मनभावन…’, रीना यादव ने ‘रो रही है गंगा गगन दर्द से निढाल है, भूमि पर छत-विक्षत पड़ा मां भारती का भाल है..’, डॉ नर नारायण तिवारी ने ‘जागरण गीत’, मनोज कुमार निशांत ने ‘सार्वभौमिक सत्ता’, डॉ परमेश्वर भारती ने ‘बदरो बदरिया मेरे गांव में…’, राम नारायण उपाध्याय ने भोजपुरी कविता ‘बाप-बेटी संवाद’, ब्रजेश बृजवासी ने ‘मैं भारत का अभिनंदन गीत सुनाने आया हूं…’, धनबाद से आयीं पावनी कुमारी ने ‘उस कविता को नहीं बांचते जिसमें हिन्दुस्तान नहीं…’, बेरमो से आए विद्याभूषण मिश्र ने ‘सहनशीलता को कायरता नहीं समझ तू ऐ नादान, सहन नहीं कर सकते हम अपनी ही सेना का अपमान..’, फुसरो से आए रविन्द्र कुमार रवि ने ‘मातृभूमि की रक्षा में जो खाते हरदम गोली हैं, रक्त-रंग की बौछारों में, उनकी सीमा पर होली है…’, रामगढ़ से पधारे राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय महासचिव सरोज झा ‘झारखंडी’ ने ‘दिल में गंगा सर पे तिरंगा, ये अपना अरमान है/प्राणों से भी प्यारा अपना हिन्दुस्तान है…’, राकेश नाजुक ने ‘हम कलाकार हैं नया सवेरा लाएंगे..’ चन्द्रिका ठाकुर देशदीप ने ‘जान अपनी गंवा दी वतन के लिए, उन शहीदों को अपना नमन दीजिए..’, अमित कुमार ने ‘धारा 370 हटाओ, देश बचाओ/गद्दारों को चुन-चुन, मार गिराओ मोदी जी..’ सहित पटना से पधारे शुभम सहाय, केशव कौशिक, रांची से पधारे अविनाश, गिरिडीह के सुरेन्द्र कुमार उपाध्याय, अनंत ज्ञान, सिकंदर मंडल, पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’, हजारीबाग से आयीं रिया सिंह, रामगढ़ से आए राज रामगढ़ी, अमित कुमार, सुदीप अग्रवाल, धनबाद से आए पवन गुप्ता, बोकारो की उषा झा, कस्तूरी सिंहा, डॉ रंजना श्रीवास्तव, नीरज पाठक, सुनील सिंह, नितेश सागर, सुनील सिंह, टीडी नायक, सृष्टि शिवा, विशाल पंडित, जाहिद सूफी, लाखन सिंह, सुनील कुमार पारस, दुर्गेश कुमार, नीता सहाय, आकर्षिका, अमन कुमार झा, ब्रजेश पांडेय, ज्योतिर्मय डे राणा, ज्योति वर्मा, नीता सहाय, विधान शर्मा, मोहित कालीदास आदि ने काव्यपाठ कर श्रोताओं की भरपूर तालियां बटोरी।

काव्यपाठ में शामिल साहित्यकारों को ‘काव्य प्रज्ञा सम्मान’ से सम्मानित किया गया। मंच संचालन पूर्णेन्दु कुमार सिंह, कस्तूरी सिन्हा व ब्रजेश पांडेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव मोहित कालीदास ने किया।

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