जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन का बना विश्व रिकॉर्ड

*साहित्योदय द्वारा रामायण आधारित सर्वाधिक लम्बे ऑनलाइन कवि सम्मेलन को मिला गोल्डनबुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
बोकारो : अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास ‘साहित्योदय’ द्वारा आयोजित जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन गोल्डनबुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया है। लगातार साढ़े 26 घण्टे तक विश्वभर के करीब ढाई सौ रचनाकारो ने रामायण पर अपनी मौलिक रचनाओं का ऑनलाइन पाठ कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
गोल्डनबुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ मनीष विश्नोई ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम को वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट दिया। उन्होंने कहा कि यह विश्व का सबसे अनूठा आयोजन था जो प्रभु श्री राम को पूर्णतया समर्पित था। इसके लिए उन्होंने पंकज प्रियम की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा करते हुए कहा कि साहित्योदय का भविष्य उज्ज्वल है। कवि पंकज प्रियम ने वर्ल्ड रिकॉर्ड साहित्योदय परिवार को समर्पित करते हुए कहा कि सभी के प्रयास से यह सम्मान हासिल हुआ है।
इस मौके पर मुख्य संरक्षक डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि साहित्योदय ने भारतीय संस्कृति और संस्कारों को संरक्षित करते हुए साहित्य को एक नई दिशा दी है। समापन समरोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रख्यात हास्यकवि अरुण जैमिनी ने साहित्योदय के इस अनूठे आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ने की जरूरत है। प्रख्यात ओज कवि अमित शर्मा और गौरी मिश्रा ने साहित्योदय के इस प्रयास की सराहना करते हुए राम पर अपनी कविताएं पढी।
इससे पूर्व रविवार की देर रात प्रख्यात भोजपुरी गायिका देवी, बॉलीवुड अभिनेत्री श्रुति भट्टाचार्य, वीना शर्मा सागर, डॉ शोभा त्रिपाठी सम्मेत कई दिग्गज कवि और कलाकारों ने हिस्सा लिया। संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि 5 दिसम्वर प्रातः 8 बजे से  6 दिसम्बर साढ़े दस बजे तक  लगातार साढ़े 26 घण्टे तक अखण्ड काव्यार्चन चला जिसमें विश्व के ढाई सौ से अधिक रचनाकार प्रभु श्री राम पर अपनी मौलिक कविताओं का ऑनलाइन पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन 26 सुप्रसिद्ध एंकरों द्वारा किया गया। अरुण जैमिनी, कवि बेबाक़ जौनपुरी, कवि अजय अंज़ाम, सुप्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, प्रख्यात साहित्यकारा आशा शैली, डॉ शोभा त्रिपाठी, सरला शर्मा, गौरी मिश्रा, श्रुति भट्टाचार्य समेत कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार -कलाकार अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण साहित्योदय चैनल के माध्यम से पूरे विश्व हुआ।

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