# ‘बिन धन के विद्वान भी, पात नहीं सम्मान…’
बोकारो। अखिल भारतीय साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम के झारखंड प्रांत इकाई द्वारा गूगल मीट पर काव्य लहरी-2 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष व समाजसेवी सुनील खवाड़े की अध्यक्षता व दुमका जिला इकाई अध्यक्ष रोहित अम्बष्ट के संचालन में आयोजित इस काव्यगोष्ठी में बोकारो से कवि डाॅ रणजीत कुमार झा, कवयित्री क्रांति श्रीवास्तव, धनबाद से मनोज वर्णवाल अंजान, मंजु शरण, रांची से कल्याणी झा, प्रवीण सिन्हा परिमल, रामगढ़ से डाॅ रजनी गुप्ता, संदीप पाठक, देवघर से स्मृति भारती, जतिन कुमार, हजारीबाग से डाॅ राजीव दास, मोना बग्गा, पलामू से पूजा शुक्ला, राम प्रवेश पंडित, जमशेदपुर से नवीन अग्रवाल, विजय नारायण सिंह, दुमका से नवीन चन्द्र ठाकुर, श्रृष्टि रौशन, जामताड़ा से राम स्वरुप, मयुरेश, राघवेन्द्र सिंह ने काव्य पाठ किया।
बोकारो के डाॅ रणजीत कुमार झा ने दोहे ‘रस बिन जस मधुदण्ड है, रस बिन जस पय नीर/रस बिन तैसे होत है, वनिता योगी वीर/धन ही के सब पूछत हैं, धन ही करे सब मान/बिन धन के विद्वान भी, पात नहीं सम्मान’ सुनाकर वाहवाही ली तो कवयित्री क्रांति श्रीवास्तव ने ‘तेरे कौन से रंग में डूबूं कान्हा, कुछ बोल बता दिखा मुझको/तेरे इंतजार में बैठी हूं, आ हाथ पकड़ के रिझा मुझको’ सुनाकर सबकी दाद पाई। अन्य जिला इकाईयों से भी कवि-कवयित्रियों ने भक्ति, प्रेम, देशभक्ति व मानवीय भावनाओं से ओत-प्रोत रचनाएं सुनाकर सबकी प्रशंसा पाई।
अध्यक्षीय भाषण में प्रांतीय अध्यक्ष सुनील खवाड़े ने काव्यगोष्ठी में कवि-कवयित्रियों के उत्साहपूर्ण भागीदारी पर प्रसन्नता जताते हुए इसे हर सप्ताह आयोजित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि समाज में जन-जागरण लाने में कवियों की महती भूमिका रही है और राष्ट्रीय कवि संगम ‘राष्ट्र जागरण धर्म हमारा’ ध्येय को लेकर आगे बढ़ रहा है। सभी के सकारात्मक सहयोग से संगठन और आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम के दौरान सुप्रसिद्ध युवा कवि राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय मंत्री सह झारखंड प्रभारी दिनेश देवघरिया, प्रांतीय उपाध्यक्ष उदय शंकर उपाध्याय, पंकज झा, प्रांतीय महामंत्री सरोज कुमार झा, सोशल मीडिया सहयोगी पीयूष राज, बोकारो महानगर अध्यक्ष अरुण पाठक, बोकारो जिला इकाई अध्यक्ष विद्या भूषण मिश्र, सुनील सिंह सहित विभिन्न जिलों के अध्यक्ष, महासचिव व सदस्य उपस्थित रहे।