फेसबुक ने देश के हर थाने के सरकारी ईमेल पर एविडेंस संग्रह के लिये दिया सुविधा

# फर्जी अकॉउंट ( फेसबुक / इंस्टाग्राम ) चंद मिनट मे बंद ही नहीं अपराधी क़ि पहचान भी हो जाएगा

फर्जी अकॉउंट बनाना अब हो सकता है खतरनाक! अब अपराधी के पहचान थाने मे बैठे थानेदार कर लेगे! साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक ने बताया क़ि सोशल साइट कंपनी ने यह सुविधा थाने के हर सरकारी ईमेल पर उपलब्ध करा दिया है! पुलिस CRPC-91 के अंतरगत एविडेंस मागने के साथ फर्जी अकॉउंट बंद कर देगी! पीड़ित को सिर्फ आवेदन, स्क्रीन शार्ट, लिंक और अपना पहचान पत्र देना होगा! बस कुछ मिनट मे ही फर्जी अकॉउंट थानेदार बंद कर देंगे! साथ मे अपराधी किस मोबाइल पर OTP मंगाया है और कौन सा इंटरनेट से चला रहा है उसका आईपी एड्रेस मिल जाएगा! आईपीएल एड्रेस अपने अनुसार सीडीआर के तरह विभिन्न अवधी मे मांग सकता है! आईपी से यह पाता चल जाता है क़ि किस मोबाइल या वाइ-फाइ को अपराधी प्रयोग कर रहा है!

हर थाना जुड़ा है एनआईसी के ईमेल पर

देश के प्रत्येक थाना के nic या gov के मेल से जुड़ा हुआ है जिसे कंपनी लीगल रूप से वैध मानती है! इसी सर्वर से जुड़ा हुआ मेल पर सोशल साइट का लिंक कार्य करता है!

पुलिस ऐसे कार्य करती प्रोसेस

पुलिस अपने ब्राउज़र पर facebook.com/records को क्लिक करती है जहा सरकारी ईमेल माँगा जाता है!सरकारी ईमेल को डालते ही सरकारी ईमेल पर एक लिंक जाता है अब पुलिस सरकारी ईमेल पर लिंक को ओपन करती है जहा फॉर्म मिलता है वहा पुलिस फर्जी अकॉउंट का लिंक, पीड़ित का आधार और पीड़ित के आवेदन को सबमिट करती है

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