मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि 2018-19 का केन्द्र सरकार का आम बजट गांव, गरीब और किसान के सर्वांगीण विकास को समर्पित है। यह बजट स्वतंत्र भारत का ऐतिहासिक बजट है।* आज का बजट सवा सौ करोड़ देशवासियों के आशाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप है। झारखण्ड की सवा 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सहृदय आभार एवं बधाई। बजट के माध्यम से गरीब, किसान और मध्यम वर्ग की समस्या दूर करने का पूरा प्रयास किया गया है। ये बजट लोगों को सशक्त करने वाला है। इस बजट से किसान की आमदनी बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। कृषि उत्पादों के लिए स्टोरेज, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग के लिए योजना विकसित करने का कदम अत्यंत सराहनीय है। गोबर्द्धन योजना भी, गांव को स्वच्छ रखने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी। झारखण्ड राज्य के किसानों को इस बजट से काफी अपेक्षाएं थी जो पूरा हुआ। 2022 तक हर गरीब को घर देने का लक्ष्य है। शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकान बनाने की मंजूरी दी गई है। वर्ष 2020 तक झारखण्ड के हर बेघर गरीब के सर पर छत हो राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है। मुख्यमंत्री आज झारखण्ड मंत्रालय, प्रोजेक्ट भवन में राष्ट्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया प्रेषित कर रहे थे।
दास ने कहा कि बजट में *महिलाओं को होम मेकर्स से नेशन मेकर्स* के रूप में परिवर्तित करने का संकल्प लिया गया है। ‘ईज ऑफ लिविंग’ की भावना का विस्तार उज्जवला योजना में भी देखा है। ये योजना देश की गरीब महिलाओं को न सिर्फ धुंए से मुक्ति दिला रही है बल्कि उनके सशक्तिकरण का भी बड़ा माध्यम बनी है। उन्होंने कहा, इसके लक्ष्य को 5 करोड़ परिवार से बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया है। इस योजना का लाभ बड़े स्तर पर देश के गरीब, दलित और पिछड़ों को मिल रहा है। महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए इस बजट में 75 हजार करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। झारखण्ड में हमारी बहनें सखी मंडल के जरिए अच्छा काम कर रहीं हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप को दिये जाने वाला बजट बढ़ाकर सरकार ने करोड़ों महिलाओं के लिए आशाओं के नए द्वार खोल दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र का दायित्व संभालने के बाद से ही हमेशा से गरीबों के जीवन में बदलाव लाने के प्रति सकारात्मक पहल की है। बजट में प्रस्तुत की गई नई स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ गरीबों को स्वास्थ्य संबंधित चिंता से मुक्त करेगी। इस योजना का लाभ देश के लगभग 10 करोड़ गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को मिलेगा। करीब-करीब 45 से 50 करोड़ लोग इसके दायरे में आएंगे। सरकारी खर्चे पर शुरू की गई ये सबसे बड़ी हेल्थ एंश्योरेंस योजना है। उन्होंने कहा कि देश की सभी बड़ी पंचायतों में, लगभग डेढ़ लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर की स्थापना बहुत ही कल्याणकारी घोषणा है। इससे गांव में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं बहुत ही प्रभावकारी और सुलभ होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत रोड कनेक्टिविटी पर फोकस किया गया है। अब राज्य के ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों के सड़कों को स्कूल, अस्पताल, ग्रामीण हाट-बाजार एवं उच्च शिक्षा केन्द्रों से जोड़ने का काम किया जाएगा। इससे गांव के लोगों के जीवन में बड़ा बदलवा होगा। युवाओं के लिए संगठित क्षेत्र में 70 लाख नई नौकरियां सृजित होंगी। सरकार का ध्यान स्वरोजगार पर भी है। छोटे उद्योगों के लिए मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है, इससे न सिर्फ युवाओं को नई शुरुआत करने का मौका मिलेगा बल्कि देश से बेरोजगारी भी मिटेगी।
मुख्यमंत्री ने बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि हमारे देश में सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग के टैक्स रेट में 5 फीसदी की कटौती कर दी है। अब 30 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत ही टैक्स देना पड़ेगा। बजट में छोटे व्यापारियों के मदद की कई योजना हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट आदिवासियों, अनुसूचित जाति/जनजातियों के विकास को दर्शाने वाला बजट है। अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए बजट में 39,135 करोड़ रु का आवंटन किया गया है जो यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री आदिवासी समाज की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत हैं। ऐसे ब्लॉक जहां आदिवासियों की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा होगी वहां आदिवासियों के लिए आवासीय एकलव्य स्कूलों की स्थापना की जाएगी। ये स्कूल नवोदय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय होंगे। आदिवासी समाज के बच्चों में षिक्षा के स्तर में गुणवत्तापूर्ण सुधार हेतु यह एक बड़ा कदम है।
दास ने कहा कि देष के 700 से अधिक जिलों में लगभग 7 हजार ब्लॉक या प्रखंड हैं। इन ब्लॉक में लगभग 22 हजार ग्रामीण व्यापार केंद्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण, नवनिर्माण और गांवों से उनकी कनेक्टिविटी बढ़ाने पर बजट में जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ये केंद्र, ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधि, रोजगार एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए, नए ऊर्जा केंद्र बनेंगे।