रांचीः भारत में अधिकांश भूस्खलन या तो बारिष या फिर भूकंप के कारण या निर्माण गतिविधियों, सड़क काटने, खनन गतिविधियों जैसे मानवीय लापरवाही के कारण उत्पन्न होते हैं। यह कहना है जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग ग्रुप के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और सीएसआईआर- सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के जियो-हजार्ड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (जीएचआरआर) के ग्रुप लीडर डॉ डी.पी. कनुंगो का।
डॉ कनुंगो ने सरला बिरला विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा भूस्खलन आपदा अनुसंधान विज्ञान और इंजीनियरिंग विषय पर वेबिनार सत्र में अपने विचारों को साझा किया।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने रिमोट सेंसिंग और जीआईएस की भूमिका पर चर्चा करके प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया। कुल स्टेशन, ड्रोन, यूएवी, आईओटी, अजगर, मशीन लर्निंग, भूस्खलन जैसी एक भी आपदा से निपटने में वायरलेस सेंसर, कुछ वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ विषय को और रोचक बना दिया। पाक्योंग एयरपोर्ट, सिक्किम और उत्तराखंड के पीपलकोटी का पाक भूस्खलन उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया।
डॉ कनुंगो ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समाज के मुद्दों को हल करने, सामाजिक मुद्दों को सुलझाने में एक अंतर-अनुशासनात्मक और एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।सत्र शुरू करने से पहले विद्वान वक्ता का स्वागत डीन आईडी और सीएस प्रो संजीव बजाज ने किया।
प्रख्यात वक्ता का परिचय सिविल इंजीनियरिंग विभाग की सहायक प्रो अदिति सिंह ने किया, जबकि गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ पिंटू दास द्वारा प्रश्न और उत्तर का दौर लिया गया।सत्र बहुत ही संवादात्मक और ज्ञानवर्धक था। विश्वविद्यालय के छात्रों और संकायों के अलावा, विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों और संकाय सदस्यों की एक बड़ी संख्या ने वेबिनार में सक्रिय रूप से भाग लिया।
सत्र का समापन सिविल इंजीनियरिंग विभाग, के सहायक प्रो मोटोषी साहा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।इस अवसर पर कुलसचिव प्रो (डॉ) विजय कुमार सिंह, श्री मनीष कुमार, प्रबंधक पी ध् ए, प्रो (डॉ) एसके सिंह, डीन अकादमिक, डीन आईडी और सीएस प्रो संजीव बजाज , डीएसडब्ल्यू प्रो राहुल वत्स, डॉ पार्थ पॉल, डॉ आर.एम. झा, डॉ संदीप कुमार, डॉ संजीव कुमार, प्रो मेघा सिन्हा, डॉ, पूजा मिश्रा, डॉ रिया मुखर्जी, डॉ अमृता सरकार, प्रो राजीव रंजन, श्री अजय कुमार, श्री भारद्वाज शुक्ल, श्री दिलीप महतो,सुश्री शिखा राय सहित छात्र छात्रा उपस्थित थे।