मिथिला सांस्कृतिक परिषद् ने भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ मनाया कोजागरा उत्सव

बोकारो। मैथिली भाषियों की प्रतिष्ठित संस्था मिथिला सांस्कृतिक परिषद् द्वारा शुक्रवार की शाम मिथिलांचल का पारंपरिक ‘कोजागरा उत्सव’ सोल्लास मनाया गया। परिषद् द्वारा संचालित सेक्टर-4ई स्थित मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित इस उत्सव का उद्घाटन बीएसएल के मुख्य महाप्रबंधक सह मिथिला सांस्कृतिक परिषद् के अध्यक्ष अनिल कुमार, चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा, परिषद् के उपाध्यक्ष अनिमेष कुमार झा, राजेन्द्र कुमार, महासचिव अविनाश कुमार झा, सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशक शंभु झा, मिथिला महिला समिति की अध्यक्ष अंजु झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। स्वागत भाषण करते हुए परिषद् के सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशक शंभु झा ने कहा कि परिषद् युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़े रखने के लिए परंपरा से जुड़े आयोजन समय-समय पर आयोजित करती है। इसी कड़ी में कोजागरा उत्सव का आयोजन हो रहा है।

परिषद् के महासचिव अविनाश कुमार झा ने अपने संबोधन में कहा कि मिथिलांचल में आश्विन पूर्णिमा के दिन ‘कोजागरा’ उत्सव मनाया जाता है। इस दिन हर घर में लक्ष्मी पूजा का विधान है और रात्रि जागरण की प्रधानता है। विशेषरुप से नव विवाहित युवकों के यहां कोजागरा उत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। उन्होंने मिथिला की धनी संस्कृति व परंपरा पर प्रकाश डालते हुए इसे अक्षुण्ण बनाये रखने का आह्वान सभी से किया। साहित्यकार अमन कुमार झा ने अपने संबोधन में कोजागरा पर्व की महत्ता पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।

इस अवसर पर परिषद् के सांस्कृतिक कार्यक्रम निर्देशक शंभु झा के संयोजन में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसकी शुरुआत सुप्रसिद्ध गायक अरुण पाठक ने विद्यापति रचित भगवती वंदना ‘जय-जय भैरवि असुर भयाउनि…’ सुनाकर की। तत्पश्चात उदीयमान गायिका अक्षिता पाठक ने ‘जगदंब अहीं अवलंब हमर हे माय अहां बिनु आस ककर…’ की सुमधुर प्रस्तुति की। इस गीत के बाद उदीयमान गायिका नैना प्रियदर्शिनी ने स्वागत गीत ‘मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल…’, व अरुण पाठक के साथ युगलगीत ‘स्वर्ग सं सुन्दर मिथिला धाम…’ सुनाकर श्रोताओं को आनंदित किया।

उषा झा, जयंती पाठक, नूतन झा, प्रीति राय, कंचन झा व सुजाता झा ने भगवती वंदना ‘जगदंब अहां के शरण अयलहुं..’ व कोजगरा गीत ‘बउआ के छियनि कोजगरा हे पूर्णिमा के राति…’, किरण मिश्रा, भारती झा, रानी दास, चंदा झा, प्रीति प्रिया व नम्रता झा ने ‘मैया के सोलहो सिंगार..’ एवं कोजगरा गीत ‘सखी हे आसिन धवल ईजोरिया..’ की सुंदर प्रस्तुति की। कार्यक्रम का समापन अरुण पाठक द्वारा प्रस्तुत कोजागरा पर्व की प्रासंगिकता को उजागर करता गीत ‘मिथिला के पावनि ई कोजागरा बांटू पान मखान यौ…’ की सुमधुर प्रस्तुति से हुआ। कार्यक्रम में हारमोनियम पर विश्वनाथ गोस्वामी, ढोलक पर धीरज तिवारी ने अच्छी संगति की। कार्यक्रम का कुशल संचालन अक्षिता पाठक ने किया। इस अवसर पर आगंतुकों के बीच मिथिलांचल का प्रसिद्ध प्रसाद मखान, पान व मिष्ठान्न वितरण किया गया।

आयोजन की सफलता में कृष्णा नन्द झा, मिहिर कुमार झा, नूनू झा, बौआ झा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस अवसर पर बुद्धिनाथ झा, सतीश चंद्र झा, हरिमोहन झा, श्याम चंद्र मिश्र विनोद, प्रभात कुमार झा, रविन्द्र झा, बटोही कुमार, समरेन्द्र झा, रामबाबू चौधरी, प्रदीप झा, मिहिर झा राजू, सुनील चौधरी, नीरज चौधरी, गोविन्द कुमार झा, विजय कुमार झा, संतोष कुमार मिश्र, अविनाश अवि, दीपक झा, बहुरन झा, कौशल कुमार राय, काली कांत मिश्र आदि उपस्थित थे।

 

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