विद्यार्थियों का स्नेह और विश्वास जीतने वाला ही सफल शिक्षक : सुलग्ना

# डीपीएस बोकारो में शिक्षकों के लिए कक्षा-प्रबंधन पर सीबीएसई की कार्यशाला आयोजित

बोकारो। ‘विद्यालय की कक्षा से ही देश का जिम्मेदार नागरिक तैयार करने की शुरुआत होती है। बच्चे समाज के लिए एक अमूल्य निधि बन राष्ट्र की उन्नति में हाथ बंटाएं, इसका प्रारंभ स्कूल के क्लासरूम से ही होता है। कक्षा में समय, अनुशासन, पाठ्यक्रम और विद्यार्थियों की भावनाओं के बीच सामंजस्य व प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।

जिस शिक्षक ने बच्चों का स्नेह, भरोसा और विश्वास जीत लिया, वही एक सफल शिक्षक माना जा सकता है।’ ये बातें विद्या भारती चिन्मय विद्यालय, जमशेदपुर में समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष सुलग्ना आइच ने कहीं। वह डीपीएस बोकारो में सीबीएसई द्वारा ‘क्लासरूम मैनेजमेंट’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों को बतौर रिसोर्स पर्सन संबोधित कर रही थीं।

दो- दिवसीय इस विशेष प्रशिक्षण का समापन सोमवार को हुआ। शिक्षकों के इस क्षमता-निर्माण कार्यक्रम (कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम) में सुलग्ना आइच के अलावा सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका के सम्मान से नवाजी जा चुकीं रांची से पहुंचीं वरिष्ठ शिक्षिका रश्मि शर्मा भी रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित थीं। कार्यशाला में धनबाद-बोकारो के 60 शिक्षक शामिल हुए।

आइच ने कहा कि बदलते सामाजिक परिदृश्य में हम शिक्षकों की भूमिका भी बदल गई है। बच्चे मोबाइल युग में कहीं न कहीं स्वयं तक ही सीमित हो गए हैं। ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी होमवर्क, परीक्षा और पाठ्यक्रम पूरा कराने तक की सीमित नहीं है। बच्चों में सामाजिक एवं भावनात्मक विकास हो और वे सफल नागरिक तथा अच्छा इंसान बनें, यह भी हमारी महत्वपूर्ण जवाबदेही है।

रश्मि शर्मा ने कहा कि आज के समय में बच्चों पर पढ़ाई से ज्यादा अभिभावकों का दबाव रहता है, जिससे उन्हें बाहर निकालने के लिए उनकी भावनाओं को समझना, उनकी बातें समझना और एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में प्रभावशाली अध्यापन की रणनीति आवश्यक है। कोरोनाकाल के बाद क्लासरूम में बच्चों को सजग और एकाग्र बनाए रखना एक चुनौती के रूप में सामने आई हैं। उन्हें हम क्लासरूम में उनकी प्रकृति के अनुसार विकसित होने का मौका दें तथा आज के समयानुसार बच्चों को करियर का बहुआयामी विकल्प मिले, तो ही वे अच्छा कर सकते हैं।

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागी शिक्षकों के लिए लिखित एवं मौखिक प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किए गए, विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संपन्न कराई गई तथा समापन मूल्यांकन सत्र के साथ हुआ। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने बच्चों के समग्र विकास की दिशा में इस प्रकार की कार्यशाला को काफी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि विद्यालय की कक्षा का सही प्रबंधन न केवल एक शिक्षक, बल्कि विद्यार्थी को भी सफल बनाता है।

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