* बोकारो के बौद्धिक व सांस्कृतिक विकास में मिथिला सांस्कृतिक परिषद का योगदान प्रशंसनीय : निदेशक प्रभारी बी के तिवारी*
अरुण पाठक
बोकारो : मिथिला सांस्कृतिक परिषद, बोकारो द्वारा संचालित व सीबीएसई, नई दिल्ली से प्लस टू तक की शिक्षा प्रदान करने के लिए संबद्धता प्राप्त मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल, सेक्टर 4 ई का 34वां वार्षिकोत्सव इंद्रधनुष शुक्रवार की शाम भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम स्कूल प्रांगण में आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों शिक्षकों, अभिभावकों और अतिथियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आरंभ गीता उपदेश से किया गया जिसमें बच्चों ने अध्याय 3 के कर्म योग के श्लोक को गाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के निदेशक प्रभारी बी के तिवारी, बीएसएल के मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) व मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष हरि मोहन झा, विद्यालय सचिव प्रमोद कुमार झा, संरक्षक प्रभात कुमार, मिथिला सांस्कृतिक परिषद के महासचिव नीरज चौधरी, विद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार पाठक एवं गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम इस समारोह के मुख्य आकर्षण रहे जिसमें भगवती वंदना जय जय भैरवि असुर भयाउनि का सुमधुर गायन, गणेश वंदना पर मनोहारी नृत्य सहित अन्य प्रस्तुतियों में माटी के रंग, कव्वाली, वामण अवतार, पंचतत्व, झिझिया व नागपुरी लोक नृत्य एवं नन्हे बच्चों द्वारा राज कपूर के अविस्मरणीय यादों को नृत्य में पिरोकर प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री तिवारी सहित अन्य अतिथियों ने विद्यालय की शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक गतिविधियों के लिए मेधावी विद्यार्थियों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। विद्यालय प्राचार्य अशोक कुमार पाठक ने स्वागत भाषण में विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि श्री तिवारी को मिथिला पेंटिंग, पाग व डोपटा भेंटकर विद्यालय के अध्यक्ष हरि मोहन झा व सचिव पी के झा ने सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि बीएसएल के निदेशक प्रभारी बी के तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम और उनकी रचनात्मकता इस बात का प्रमाण है कि हमारे आने वाली पीढ़ी न केवल प्रतिभाशाली हैं बल्कि अपने मूल्यों और परंपराओं के प्रति भी जागरुक है। श्री तिवारी ने विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के पदाधिकारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों, विद्यालय की संचालक संस्था मिथिला सांस्कृतिक परिषद के पदाधिकारियों व सदस्यों को बधाई दी और कहा कि मिथिला सांस्कृतिक परिषद हमारे शहर बोकारो की बहुत ही प्रतिष्ठित संस्था है। बोकारो के बहुआयामी विकास में विशेष रूप से बौद्धिक व सांस्कृतिक विकास में इस शहर की संस्थाओं का जिक्र करें तो उनमें यह संस्था (मिथिला सांस्कृतिक परिषद) बहुत ही ऊंचा स्थान रखती है। परिषद द्वारा मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल का संचालन प्रशंसनीय है।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है। शार्टकट व अनैतिक उपायों से प्राप्त सफलता स्थाई नहीं होती है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, गुण व संस्कार का विकास होता है। आप के व्यवहार में शिक्षा झलकनी चाहिए। जिस विद्यालय से आपका नाम जुड़ा है उसमें मिथिला शब्द है और मिथिला अपने आप में एक समृद्ध संस्कृति है, जिसके मूल में त्याग, तपस्या व ज्ञान की गंगा प्रवाहित होती है।
अध्यक्ष हरि मोहन झा ने अपने संबोधन में कहा कि आज बच्चों द्वारा प्रस्तुत अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यालय के विकास को दर्शाता है। उन्होंने बच्चों से अपनी प्रतिभा व रुचि के अनुरूप कैरियर चयन के लिए प्रेरित किया। सचिव प्रमोद कुमार झा ने कहा कि प्रयास और अनुशासन हमें जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए आश्वस्त करते हैं। प्राचार्य अशोक कुमार पाठक ने कहा कि अपने सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें और अपने माता-पिता और गुरुजनों का मान बढ़ाएं। मंच का संचालन आर्यन, संजीव, पीयूसी, सानिया एवं एकता ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। यह दिन सभी के लिए प्रेरणा और उत्साह से भरा रहा।वार्षिकोत्सव न केवल मनोरंजन का माध्यम बना बल्कि शिक्षा और संस्कार का भी परिचायक रहा। यह दिन लंबे समय तक सभी के स्मृतियों में जीवित रहेगा।
इस मौके पर ए के कर्ण, राजेंद्र कुमार, अविनाश कुमार झा, डॉ यू सी झा, बटोही कुमार, डॉ विश्व कांत पाठक, के सी झा, श्रीमोहन झा, विजय झा, सुनील मोहन ठाकुर, डॉ निलय पाठक, मिहिर मोहन ठाकुर, श्रवण कुमार झा, विवेकानंद झा, अविनाश अवि, मिहिर झा, शंभु झा, प्रदीप झा, सुदीप कुमार ठाकुर, अनिल कुमार झा, बहुरन झा, विश्वनाथ झा, गंगेश पाठक, गणेश झा सहित काफी संख्या में बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे।